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Surah Al-Anfal Ayahs #57 Translated in Hindi

ذَٰلِكَ بِأَنَّ اللَّهَ لَمْ يَكُ مُغَيِّرًا نِعْمَةً أَنْعَمَهَا عَلَىٰ قَوْمٍ حَتَّىٰ يُغَيِّرُوا مَا بِأَنْفُسِهِمْ ۙ وَأَنَّ اللَّهَ سَمِيعٌ عَلِيمٌ
ये सज़ा इस वजह से (दी गई) कि जब कोई नेअमत ख़ुदा किसी क़ौम को देता है तो जब तक कि वह लोग ख़ुद अपनी कलबी हालत (न) बदलें ख़ुदा भी उसे नहीं बदलेगा और ख़ुदा तो यक़ीनी (सब की सुनता) और सब कुछ जानता है
كَدَأْبِ آلِ فِرْعَوْنَ ۙ وَالَّذِينَ مِنْ قَبْلِهِمْ ۚ كَذَّبُوا بِآيَاتِ رَبِّهِمْ فَأَهْلَكْنَاهُمْ بِذُنُوبِهِمْ وَأَغْرَقْنَا آلَ فِرْعَوْنَ ۚ وَكُلٌّ كَانُوا ظَالِمِينَ
(उन लोगों की हालत) क़ौम फिरऔन और उन लोगों की सी है जो उनसे पहले थे और अपने परवरदिगार की आयतों को झुठलाते थे तो हमने भी उनके गुनाहों की वजह से उनको हलाक़ कर डाला और फिरऔन की क़ौम को डुबा मारा और (ये) सब के सब ज़ालिम थे
إِنَّ شَرَّ الدَّوَابِّ عِنْدَ اللَّهِ الَّذِينَ كَفَرُوا فَهُمْ لَا يُؤْمِنُونَ
इसमें शक़ नहीं कि ख़ुदा के नज़दीक जानवरों में कुफ्फ़ार सबसे बदतरीन तो (बावजूद इसके) फिर ईमान नहीं लाते
الَّذِينَ عَاهَدْتَ مِنْهُمْ ثُمَّ يَنْقُضُونَ عَهْدَهُمْ فِي كُلِّ مَرَّةٍ وَهُمْ لَا يَتَّقُونَ
ऐ रसूल जिन लोगों से तुम ने एहद व पैमान किया था फिर वह लोग अपने एहद को हर बार तोड़ डालते है और (फिर ख़ुदा से) नहीं डरते
فَإِمَّا تَثْقَفَنَّهُمْ فِي الْحَرْبِ فَشَرِّدْ بِهِمْ مَنْ خَلْفَهُمْ لَعَلَّهُمْ يَذَّكَّرُونَ
तो अगर वह लड़ाई में तुम्हारे हाथे चढ़ जाएँ तो (ऐसी सख्त गोश्माली दो कि) उनके साथ साथ उन लोगों का तो अगर वह लड़ाई में तुम्हारे हत्थे चढ़ जाएं तो (ऐसी सजा दो की) उनके साथ उन लोगों को भी तितिर बितिर कर दो जो उन के पुश्त पर हो ताकि ये इबरत हासिल करें

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