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Surah Al-Anbiya Ayahs #76 Translated in Hindi

وَوَهَبْنَا لَهُ إِسْحَاقَ وَيَعْقُوبَ نَافِلَةً ۖ وَكُلًّا جَعَلْنَا صَالِحِينَ
और हमने इबराहीम को इनाम में इसहाक़ (जैसा बैटा) और याकूब (जैसा पोता) इनायत फरमाया हमने सबको नेक बख्त बनाया
وَجَعَلْنَاهُمْ أَئِمَّةً يَهْدُونَ بِأَمْرِنَا وَأَوْحَيْنَا إِلَيْهِمْ فِعْلَ الْخَيْرَاتِ وَإِقَامَ الصَّلَاةِ وَإِيتَاءَ الزَّكَاةِ ۖ وَكَانُوا لَنَا عَابِدِينَ
और उन सबको (लोगों का) पेशवा बनाया कि हमारे हुक्म से (उनकी) हिदायत करते थे और हमने उनके पास नेक काम करने और नमाज़ पढ़ने और ज़कात देने की ''वही'' भेजी थी और ये सब के सब हमारी ही इबादत करते थे
وَلُوطًا آتَيْنَاهُ حُكْمًا وَعِلْمًا وَنَجَّيْنَاهُ مِنَ الْقَرْيَةِ الَّتِي كَانَتْ تَعْمَلُ الْخَبَائِثَ ۗ إِنَّهُمْ كَانُوا قَوْمَ سَوْءٍ فَاسِقِينَ
और लूत को भी हम ही के फ़हमे सलीम और नबूवत अता की और हम ही ने उस बस्ती से जहाँ के लोग बदकारियाँ करते थे नजात दी इसमें शक नहीं कि वह लोग बड़े बदकार आदमी थे
وَأَدْخَلْنَاهُ فِي رَحْمَتِنَا ۖ إِنَّهُ مِنَ الصَّالِحِينَ
और हमने लूत को अपनी रहमत में दाख़िल कर लिया इसमें शक नहीं कि वह नेकोंकार बन्दों में से थे
وَنُوحًا إِذْ نَادَىٰ مِنْ قَبْلُ فَاسْتَجَبْنَا لَهُ فَنَجَّيْنَاهُ وَأَهْلَهُ مِنَ الْكَرْبِ الْعَظِيمِ
और (ऐ रसूल लूत से भी) पहले (हमने) नूह को नबूवत पर फ़ायज़ किया जब उन्होंने (हमको) आवाज़ दी तो हमने उनकी (दुआ) सुन ली फिर उनको और उनके साथियों को (तूफ़ान की) बड़ी सख्त मुसीबत से नजात दी

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