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Surah Al-Anaam Ayahs #43 Translated in Hindi

وَالَّذِينَ كَذَّبُوا بِآيَاتِنَا صُمٌّ وَبُكْمٌ فِي الظُّلُمَاتِ ۗ مَنْ يَشَإِ اللَّهُ يُضْلِلْهُ وَمَنْ يَشَأْ يَجْعَلْهُ عَلَىٰ صِرَاطٍ مُسْتَقِيمٍ
और जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठला दिया गोया वह (कुफ्र के घटाटोप) ऍधेरों में गूंगें बहरे (पड़े हैं) ख़ुदा जिसे चाहे उसे गुमराही में छोड़ दे और जिसे चाहे उसे सीधे ढर्रे पर लगा दे
قُلْ أَرَأَيْتَكُمْ إِنْ أَتَاكُمْ عَذَابُ اللَّهِ أَوْ أَتَتْكُمُ السَّاعَةُ أَغَيْرَ اللَّهِ تَدْعُونَ إِنْ كُنْتُمْ صَادِقِينَ
(ऐ रसूल उनसे) पूछो तो कि क्या तुम यह समझते हो कि अगर तुम्हारे सामने ख़ुदा का अज़ाब आ जाए या तुम्हारे सामने क़यामत ही आ खड़ी मौजूद हो तो तुम अगर (अपने दावे में) सच्चे हो तो (बताओ कि मदद के वास्ते) क्या ख़ुदा को छोड़कर दूसरे को पुकारोगे
بَلْ إِيَّاهُ تَدْعُونَ فَيَكْشِفُ مَا تَدْعُونَ إِلَيْهِ إِنْ شَاءَ وَتَنْسَوْنَ مَا تُشْرِكُونَ
(दूसरों को तो क्या) बल्कि उसी को पुकारोगे फिर अगर वह चाहेगा तो जिस के वास्ते तुमने उसको पुकारा है उसे दफा कर देगा और (उस वक्त) तुम दूसरे माबूदों को जिन्हे तुम (ख़ुदा का) शरीक समझते थे भूल जाओगे
وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا إِلَىٰ أُمَمٍ مِنْ قَبْلِكَ فَأَخَذْنَاهُمْ بِالْبَأْسَاءِ وَالضَّرَّاءِ لَعَلَّهُمْ يَتَضَرَّعُونَ
और (ऐ रसूल) जो उम्मतें तुमसे पहले गुज़र चुकी हैं हम उनके पास भी बहुतेरे रसूल भेज चुके हैं फिर (जब नाफ़रमानी की) तो हमने उनको सख्ती
فَلَوْلَا إِذْ جَاءَهُمْ بَأْسُنَا تَضَرَّعُوا وَلَٰكِنْ قَسَتْ قُلُوبُهُمْ وَزَيَّنَ لَهُمُ الشَّيْطَانُ مَا كَانُوا يَعْمَلُونَ
और तकलीफ़ में गिरफ्तार किया ताकि वह लोग (हमारी बारगाह में) गिड़गिड़ाए तो जब उन (के सर) पर हमारा अज़ाब आ खड़ा हुआ तो वह लोग क्यों नहीं गिड़गिड़ाए (कि हम अज़ाब दफा कर देते) मगर उनके दिल तो सख्त हो गए थे ओर उनकी कारस्तानियों को शैतान ने आरास्ता कर दिखाया था (फिर क्योंकर गिड़गिड़ाते)

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