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Surah Al-Anaam Ayahs #137 Translated in Hindi

وَرَبُّكَ الْغَنِيُّ ذُو الرَّحْمَةِ ۚ إِنْ يَشَأْ يُذْهِبْكُمْ وَيَسْتَخْلِفْ مِنْ بَعْدِكُمْ مَا يَشَاءُ كَمَا أَنْشَأَكُمْ مِنْ ذُرِّيَّةِ قَوْمٍ آخَرِينَ
और जो कुछ वह लोग करते हैं तुम्हारा परवरदिगार उससे बेख़बर नहीं और तुम्हारा परवरदिगार बे परवाह रहम वाला है - अगर चाहे तो तुम सबके सबको (दुनिया से उड़ा) ले लाए और तुम्हारे बाद जिसको चाहे तुम्हार जानशीन बनाए जिस तरह आख़िर तुम्हें दूसरे लोगों की औलाद से पैदा किया है
إِنَّ مَا تُوعَدُونَ لَآتٍ ۖ وَمَا أَنْتُمْ بِمُعْجِزِينَ
बेशक जिस चीज़ का तुमसे वायदा किया जाता है वह ज़रूर (एक न एक दिन) आने वाली है
قُلْ يَا قَوْمِ اعْمَلُوا عَلَىٰ مَكَانَتِكُمْ إِنِّي عَامِلٌ ۖ فَسَوْفَ تَعْلَمُونَ مَنْ تَكُونُ لَهُ عَاقِبَةُ الدَّارِ ۗ إِنَّهُ لَا يُفْلِحُ الظَّالِمُونَ
और तुम उसके लाने में (ख़ुदा को) आजिज़ नहीं कर सकते (ऐ रसूल तुम उनसे) कहो कि ऐ मेरी क़ौम तुम बजाए ख़ुद जो चाहो करो मैं (बजाए ख़ुद) अमल कर रहा हूँ फिर अनक़रीब तुम्हें मालूम हो जाएगा कि आख़ेरत (बेहश्त) किसके लिए है (तुम्हारे लिए या हमारे लिए) ज़ालिम लोग तो हरगिज़ कामयाब न होंगे
وَجَعَلُوا لِلَّهِ مِمَّا ذَرَأَ مِنَ الْحَرْثِ وَالْأَنْعَامِ نَصِيبًا فَقَالُوا هَٰذَا لِلَّهِ بِزَعْمِهِمْ وَهَٰذَا لِشُرَكَائِنَا ۖ فَمَا كَانَ لِشُرَكَائِهِمْ فَلَا يَصِلُ إِلَى اللَّهِ ۖ وَمَا كَانَ لِلَّهِ فَهُوَ يَصِلُ إِلَىٰ شُرَكَائِهِمْ ۗ سَاءَ مَا يَحْكُمُونَ
और ये लोग ख़ुदा की पैदा की हुई खेती और चौपायों में से हिस्सा क़रार देते हैं और अपने ख्याल के मुवाफिक कहते हैं कि ये तो ख़ुदा का (हिस्सा) है और ये हमारे शरीकों का (यानि जिनको हमने ख़ुदा का शरीक बनाया) फिर जो ख़ास उनके शरीकों का है वह तो ख़ुदा तक नहीं पहुँचने का और जो हिस्सा ख़ुदा का है वो उसके शरीकों तक पहुँच जाएगा ये क्या ही बुरा हुक्म लगाते हैं और उसी तरह बहुतेरे मुशरकीन को उनके शरीकों ने अपने बच्चों को मार डालने को अच्छा कर दिखाया है
وَكَذَٰلِكَ زَيَّنَ لِكَثِيرٍ مِنَ الْمُشْرِكِينَ قَتْلَ أَوْلَادِهِمْ شُرَكَاؤُهُمْ لِيُرْدُوهُمْ وَلِيَلْبِسُوا عَلَيْهِمْ دِينَهُمْ ۖ وَلَوْ شَاءَ اللَّهُ مَا فَعَلُوهُ ۖ فَذَرْهُمْ وَمَا يَفْتَرُونَ
ताकि उन्हें (बदी) हलाकत में डाल दें और उनके सच्चे दीन को उन पर मिला जुला दें और अगर ख़ुदा चाहता तो लोग ऐसा काम न करते तो तुम (ऐ रसूल) और उनकी इफ़तेरा परदाज़ियों को (ख़ुदा पर) छोड़ दो और ये लोग अपने ख्याल के मुवाफिक कहने लगे कि ये चौपाए और ये खेती अछूती है

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