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Surah Ya-Seen Ayahs #26 Translated in Hindi

وَمَا لِيَ لَا أَعْبُدُ الَّذِي فَطَرَنِي وَإِلَيْهِ تُرْجَعُونَ
और मुझे क्या (ख़ब्त) हुआ है कि जिसने मुझे पैदा किया है उसकी इबादत न करूँ हालाँकि तुम सब के बस (आख़िर) उसी की तरफ लौटकर जाओगे
أَأَتَّخِذُ مِنْ دُونِهِ آلِهَةً إِنْ يُرِدْنِ الرَّحْمَٰنُ بِضُرٍّ لَا تُغْنِ عَنِّي شَفَاعَتُهُمْ شَيْئًا وَلَا يُنْقِذُونِ
क्या मैं उसे छोड़कर दूसरों को माबूद बना लूँ अगर खुदा मुझे कोई तकलीफ पहुँचाना चाहे तो न उनकी सिफारिश ही मेरे कुछ काम आएगी और न ये लोग मुझे (इस मुसीबत से) छुड़ा ही सकेंगें
إِنِّي إِذًا لَفِي ضَلَالٍ مُبِينٍ
(अगर ऐसा करूँ) तो उस वक्त मैं यक़ीनी सरीही गुमराही में हूँ
إِنِّي آمَنْتُ بِرَبِّكُمْ فَاسْمَعُونِ
मैं तो तुम्हारे परवरदिगार पर ईमान ला चुका हूँ मेरी बात सुनो और मानो; मगर उन लोगों ने उसे संगसार कर डाला
قِيلَ ادْخُلِ الْجَنَّةَ ۖ قَالَ يَا لَيْتَ قَوْمِي يَعْلَمُونَ
तब उसे खुदा का हुक्म हुआ कि बेहिश्त में जा (उस वक्त भी उसको क़ौम का ख्याल आया तो कहा)

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