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Surah Nooh Ayahs #5 Translated in Hindi

إِنَّا أَرْسَلْنَا نُوحًا إِلَىٰ قَوْمِهِ أَنْ أَنْذِرْ قَوْمَكَ مِنْ قَبْلِ أَنْ يَأْتِيَهُمْ عَذَابٌ أَلِيمٌ
हमने नूह को उसकी क़ौम के पास (पैग़म्बर बनाकर) भेजा कि क़ब्ल उसके कि उनकी क़ौम पर दर्दनाक अज़ाब आए उनको उससे डराओ
قَالَ يَا قَوْمِ إِنِّي لَكُمْ نَذِيرٌ مُبِينٌ
तो नूह (अपनी क़ौम से) कहने लगे ऐ मेरी क़ौम मैं तो तुम्हें साफ़ साफ़ डराता (और समझाता) हूँ
أَنِ اعْبُدُوا اللَّهَ وَاتَّقُوهُ وَأَطِيعُونِ
कि तुम लोग ख़ुदा की इबादत करो और उसी से डरो और मेरी इताअत करो
يَغْفِرْ لَكُمْ مِنْ ذُنُوبِكُمْ وَيُؤَخِّرْكُمْ إِلَىٰ أَجَلٍ مُسَمًّى ۚ إِنَّ أَجَلَ اللَّهِ إِذَا جَاءَ لَا يُؤَخَّرُ ۖ لَوْ كُنْتُمْ تَعْلَمُونَ
ख़ुदा तुम्हारे गुनाह बख्श देगा और तुम्हें (मौत के) मुक़र्रर वक्त तक बाक़ी रखेगा, बेशक जब ख़ुदा का मुक़र्रर किया हुआ वक्त अा जाता है तो पीछे हटाया नहीं जा सकता अगर तुम समझते होते
قَالَ رَبِّ إِنِّي دَعَوْتُ قَوْمِي لَيْلًا وَنَهَارًا
(जब लोगों ने न माना तो) अर्ज़ की परवरदिगार मैं अपनी क़ौम को (ईमान की तरफ) बुलाता रहा

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