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Surah Ibrahim Ayah #21 Translated in Hindi

وَبَرَزُوا لِلَّهِ جَمِيعًا فَقَالَ الضُّعَفَاءُ لِلَّذِينَ اسْتَكْبَرُوا إِنَّا كُنَّا لَكُمْ تَبَعًا فَهَلْ أَنْتُمْ مُغْنُونَ عَنَّا مِنْ عَذَابِ اللَّهِ مِنْ شَيْءٍ ۚ قَالُوا لَوْ هَدَانَا اللَّهُ لَهَدَيْنَاكُمْ ۖ سَوَاءٌ عَلَيْنَا أَجَزِعْنَا أَمْ صَبَرْنَا مَا لَنَا مِنْ مَحِيصٍ
और (क़यामत के दिन) लोग सबके सब ख़ुदा के सामने निकल खड़े होगें जो लोग (दुनिया में कमज़ोर थे बड़ी इज्ज़त रखने वालो से (उस वक्त) क़हेंगें कि हम तो बस तुम्हारे क़दम ब क़दम चलने वाले थे तो क्या (आज) तुम ख़ुदा के अज़ाब से कुछ भी हमारे आड़े आ सकते हो वह जवाब देगें काश ख़ुदा हमारी हिदायत करता तो हम भी तुम्हारी हिदायत करते हम ख्वाह बेक़रारी करें ख्वाह सब्र करे (दोनो) हमारे लिए बराबर है (क्योंकि अज़ाब से) हमें तो अब छुटकारा नहीं

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