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Surah Ghafir Ayahs #54 Translated in Hindi

قَالُوا أَوَلَمْ تَكُ تَأْتِيكُمْ رُسُلُكُمْ بِالْبَيِّنَاتِ ۖ قَالُوا بَلَىٰ ۚ قَالُوا فَادْعُوا ۗ وَمَا دُعَاءُ الْكَافِرِينَ إِلَّا فِي ضَلَالٍ
वह जवाब देंगे कि क्या तुम्हारे पास तुम्हारे पैग़म्बर साफ व रौशन मौजिज़े लेकर नहीं आए थे वह कहेंगे (हाँ) आए तो थे, तब फरिश्ते तो कहेंगे फिर तुम ख़़ुद (क्यों) न दुआ करो, हालाँकि काफ़िरों की दुआ तो बस बेकार ही है
إِنَّا لَنَنْصُرُ رُسُلَنَا وَالَّذِينَ آمَنُوا فِي الْحَيَاةِ الدُّنْيَا وَيَوْمَ يَقُومُ الْأَشْهَادُ
हम अपने पैग़म्बरों की और ईमान वालों की दुनिया की ज़िन्दगी में भी ज़रूर मदद करेंगे और जिस दिन गवाह (पैग़म्बर फरिश्ते गवाही को) उठ खड़े होंगे
يَوْمَ لَا يَنْفَعُ الظَّالِمِينَ مَعْذِرَتُهُمْ ۖ وَلَهُمُ اللَّعْنَةُ وَلَهُمْ سُوءُ الدَّارِ
(उस दिन भी) जिस दिन ज़ालिमों को उनकी माज़ेरत कुछ भी फायदे न देगी और उन पर फिटकार (बरसती) होगी और उनके लिए बहुत बुरा घर (जहन्नुम) है
وَلَقَدْ آتَيْنَا مُوسَى الْهُدَىٰ وَأَوْرَثْنَا بَنِي إِسْرَائِيلَ الْكِتَابَ
और हम ही ने मूसा को हिदायत (की किताब तौरेत) दी और बनी इसराईल को (उस) किताब का वारिस बनाया
هُدًى وَذِكْرَىٰ لِأُولِي الْأَلْبَابِ
जो अक्लमन्दों के लिए (सरतापा) हिदायत व नसीहत है

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