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Surah Ghafir Ayahs #22 Translated in Hindi

وَأَنْذِرْهُمْ يَوْمَ الْآزِفَةِ إِذِ الْقُلُوبُ لَدَى الْحَنَاجِرِ كَاظِمِينَ ۚ مَا لِلظَّالِمِينَ مِنْ حَمِيمٍ وَلَا شَفِيعٍ يُطَاعُ
(ऐ रसूल) तुम उन लोगों को उस दिन से डराओ जो अनक़रीब आने वाला है जब लोगों के कलेजे घुट घुट के (मारे डर के) मुँह को आ जाएंगें (उस वक्त) न तो सरकशों का कोई सच्चा दोस्त होगा और न कोई ऐसा सिफारिशी जिसकी बात मान ली जाए
يَعْلَمُ خَائِنَةَ الْأَعْيُنِ وَمَا تُخْفِي الصُّدُورُ
ख़ुदा तो ऑंखों की दुज़दीदा (ख़यानत की) निगाह को भी जानता है और उन बातों को भी जो (लोगों के) सीनों में पोशीदा है
وَاللَّهُ يَقْضِي بِالْحَقِّ ۖ وَالَّذِينَ يَدْعُونَ مِنْ دُونِهِ لَا يَقْضُونَ بِشَيْءٍ ۗ إِنَّ اللَّهَ هُوَ السَّمِيعُ الْبَصِيرُ
और ख़ुदा ठीक ठीक हुक्म देता है, और उसके सिवा जिनकी ये लोग इबादत करते हैं वह तो कुछ भी हुक्म नहीं दे सकते, इसमें शक नहीं कि ख़ुदा सुनने वाला देखने वाला है
أَوَلَمْ يَسِيرُوا فِي الْأَرْضِ فَيَنْظُرُوا كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِينَ كَانُوا مِنْ قَبْلِهِمْ ۚ كَانُوا هُمْ أَشَدَّ مِنْهُمْ قُوَّةً وَآثَارًا فِي الْأَرْضِ فَأَخَذَهُمُ اللَّهُ بِذُنُوبِهِمْ وَمَا كَانَ لَهُمْ مِنَ اللَّهِ مِنْ وَاقٍ
क्या उन लोगों ने रूए ज़मीन पर चल फिर कर नहीं देखा कि जो लोग उनसे पहले थे उनका अन्जाम क्या हुआ (हालाँकि) वह लोग कुवत (शान और उम्र सब) में और ज़मीन पर अपनी निशानियाँ (यादगारें इमारतें) वग़ैरह छोड़ जाने में भी उनसे कहीं बढ़ चढ़ के थे तो ख़ुदा ने उनके गुनाहों की वजह से उनकी ले दे की, और ख़ुदा (के ग़ज़ब से) उनका कोई बचाने वाला भी न था
ذَٰلِكَ بِأَنَّهُمْ كَانَتْ تَأْتِيهِمْ رُسُلُهُمْ بِالْبَيِّنَاتِ فَكَفَرُوا فَأَخَذَهُمُ اللَّهُ ۚ إِنَّهُ قَوِيٌّ شَدِيدُ الْعِقَابِ
ये इस सबब से कि उनके पैग़म्बरान उनके पास वाज़ेए व रौशन मौजिज़े ले कर आए इस पर भी उन लोगों ने न माना तो ख़ुदा ने उन्हें ले डाला इसमें तो शक ही नहीं कि वह क़वी (और) सख्त अज़ाब वाला है

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