Quran Apps in many lanuages:

Surah At-Tawba Ayahs #29 Translated in Hindi

لَقَدْ نَصَرَكُمُ اللَّهُ فِي مَوَاطِنَ كَثِيرَةٍ ۙ وَيَوْمَ حُنَيْنٍ ۙ إِذْ أَعْجَبَتْكُمْ كَثْرَتُكُمْ فَلَمْ تُغْنِ عَنْكُمْ شَيْئًا وَضَاقَتْ عَلَيْكُمُ الْأَرْضُ بِمَا رَحُبَتْ ثُمَّ وَلَّيْتُمْ مُدْبِرِينَ
(मुसलमानों) ख़ुदा ने तुम्हारी बहुतेरे मक़ामात पर (ग़ैबी) इमदाद की और (ख़ासकर) जंग हुनैन के दिन जब तुम्हें अपनी क़सरत (तादाद) ने मग़रूर कर दिया था फिर वह क़सरत तुम्हें कुछ भी काम न आयी और (तुम ऐसे घबराए कि) ज़मीन बावजूद उस वसअत (फैलाव) के तुम पर तंग हो गई तुम पीठ कर भाग निकले
ثُمَّ أَنْزَلَ اللَّهُ سَكِينَتَهُ عَلَىٰ رَسُولِهِ وَعَلَى الْمُؤْمِنِينَ وَأَنْزَلَ جُنُودًا لَمْ تَرَوْهَا وَعَذَّبَ الَّذِينَ كَفَرُوا ۚ وَذَٰلِكَ جَزَاءُ الْكَافِرِينَ
तब ख़ुदा ने अपने रसूल पर और मोमिनीन पर अपनी (तरफ से) तसकीन नाज़िल फरमाई और (रसूल की ख़ातिर से) फ़रिश्तों के लश्कर भेजे जिन्हें तुम देखते भी नहीं थे और कुफ्फ़ार पर अज़ाब नाज़िल फरमाया और काफिरों की यही सज़ा है
ثُمَّ يَتُوبُ اللَّهُ مِنْ بَعْدِ ذَٰلِكَ عَلَىٰ مَنْ يَشَاءُ ۗ وَاللَّهُ غَفُورٌ رَحِيمٌ
उसके बाद ख़ुदा जिसकी चाहे तौबा क़ुबूल करे और ख़ुदा बड़ा बख़्शने वाला मेहरबान है
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا إِنَّمَا الْمُشْرِكُونَ نَجَسٌ فَلَا يَقْرَبُوا الْمَسْجِدَ الْحَرَامَ بَعْدَ عَامِهِمْ هَٰذَا ۚ وَإِنْ خِفْتُمْ عَيْلَةً فَسَوْفَ يُغْنِيكُمُ اللَّهُ مِنْ فَضْلِهِ إِنْ شَاءَ ۚ إِنَّ اللَّهَ عَلِيمٌ حَكِيمٌ
ऐ ईमानदारों मुशरेकीन तो निरे नजिस हैं तो अब वह उस साल के बाद मस्जिदुल हराम (ख़ाना ए काबा) के पास फिर न फटकने पाएँ और अगर तुम (उनसे जुदा होने में) फक़रों फाक़ा से डरते हो तो अनकरीब ही ख़ुदा तुमको अगर चाहेगा तो अपने फज़ल (करम) से ग़नीकर देगा बेशक ख़ुदा बड़ा वाक़िफकार हिकमत वाला है
قَاتِلُوا الَّذِينَ لَا يُؤْمِنُونَ بِاللَّهِ وَلَا بِالْيَوْمِ الْآخِرِ وَلَا يُحَرِّمُونَ مَا حَرَّمَ اللَّهُ وَرَسُولُهُ وَلَا يَدِينُونَ دِينَ الْحَقِّ مِنَ الَّذِينَ أُوتُوا الْكِتَابَ حَتَّىٰ يُعْطُوا الْجِزْيَةَ عَنْ يَدٍ وَهُمْ صَاغِرُونَ
अहले किताब में से जो लोग न तो (दिल से) ख़ुदा ही पर ईमान रखते हैं और न रोज़े आख़िरत पर और न ख़ुदा और उसके रसूल की हराम की हुई चीज़ों को हराम समझते हैं और न सच्चे दीन ही को एख्तियार करते हैं उन लोगों से लड़े जाओ यहाँ तक कि वह लोग ज़लील होकर (अपने) हाथ से जज़िया दे

Choose other languages: