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Surah Ash-Shu'ara Ayahs #61 Translated in Hindi

فَأَخْرَجْنَاهُمْ مِنْ جَنَّاتٍ وَعُيُونٍ
(तुम भी आ जाओ कि सब मिलकर ताअककुब (पीछा) करें)
وَكُنُوزٍ وَمَقَامٍ كَرِيمٍ
ग़रज़ हमने इन लोगों को (मिस्र के) बाग़ों और चश्मों और खज़ानों और इज्ज़त की जगह से (यूँ) निकाल बाहर किया
كَذَٰلِكَ وَأَوْرَثْنَاهَا بَنِي إِسْرَائِيلَ
(और जो नाफरमानी करे) इसी तरह सज़ा होगी और आख़िर हमने उन्हीं चीज़ों का मालिक बनी इसराइल को बनाया
فَأَتْبَعُوهُمْ مُشْرِقِينَ
ग़रज़ (मूसा) तो रात ही को चले गए
فَلَمَّا تَرَاءَى الْجَمْعَانِ قَالَ أَصْحَابُ مُوسَىٰ إِنَّا لَمُدْرَكُونَ
और उन लोगों ने सूरज निकलते उनका पीछा किया तो जब दोनों जमाअतें (इतनी करीब हुयीं कि) एक दूसरे को देखने लगी तो मूसा के साथी (हैरान होकर) कहने लगे

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