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Surah Ash-Shu'ara Ayahs #112 Translated in Hindi

فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ
और मैं इस (तबलीग़े रिसालत) पर कुछ उजरत तो माँगता नहीं
وَمَا أَسْأَلُكُمْ عَلَيْهِ مِنْ أَجْرٍ ۖ إِنْ أَجْرِيَ إِلَّا عَلَىٰ رَبِّ الْعَالَمِينَ
मेरी उजरत तो बस सारे जहाँ के पालने वाले ख़ुदा पर है
فَاتَّقُوا اللَّهَ وَأَطِيعُونِ
तो ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो वह लोग बोले जब कमीनो मज़दूरों वग़ैरह ने (लालच से) तुम्हारी पैरवी कर ली है
قَالُوا أَنُؤْمِنُ لَكَ وَاتَّبَعَكَ الْأَرْذَلُونَ
तो हम तुम पर क्या ईमान लाएं
قَالَ وَمَا عِلْمِي بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ
नूह ने कहा ये लोग जो कुछ करते थे मुझे क्या ख़बर (और क्या ग़रज़)

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