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Surah As-Sajda Ayahs #21 Translated in Hindi

فَلَا تَعْلَمُ نَفْسٌ مَا أُخْفِيَ لَهُمْ مِنْ قُرَّةِ أَعْيُنٍ جَزَاءً بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ
उन लोगों की कारगुज़ारियों के बदले में कैसी कैसी ऑंखों की ठन्डक उनके लिए ढकी छिपी रखी है उसको कोई शख़्श जानता ही नहीं
أَفَمَنْ كَانَ مُؤْمِنًا كَمَنْ كَانَ فَاسِقًا ۚ لَا يَسْتَوُونَ
तो क्या जो शख़्श ईमानदार है उस शख़्श के बराबर हो जाएगा जो बदकार है (हरगिज़ नहीं) ये दोनों बराबर नही हो सकते
أَمَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ فَلَهُمْ جَنَّاتُ الْمَأْوَىٰ نُزُلًا بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ
लेकिन जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे अच्छे काम किए उनके लिए तो रहने सहने के लिए (बेहश्त के) बाग़ात हैं ये सामाने ज़ियाफ़त उन कारगुज़ारियों का बदला है जो वह (दुनिया में) कर चुके थे
وَأَمَّا الَّذِينَ فَسَقُوا فَمَأْوَاهُمُ النَّارُ ۖ كُلَّمَا أَرَادُوا أَنْ يَخْرُجُوا مِنْهَا أُعِيدُوا فِيهَا وَقِيلَ لَهُمْ ذُوقُوا عَذَابَ النَّارِ الَّذِي كُنْتُمْ بِهِ تُكَذِّبُونَ
और जिन लोगों ने बदकारी की उनका ठिकाना तो (बस) जहन्नुम है वह जब उसमें से निकल जाने का इरादा करेंगे तो उसी में फिर ढकेल दिए जाएँगे और उन से कहा जाएगा कि दोज़ख़ के जिस अज़ाब को तुम झुठलाते थे अब उसके मज़े चखो
وَلَنُذِيقَنَّهُمْ مِنَ الْعَذَابِ الْأَدْنَىٰ دُونَ الْعَذَابِ الْأَكْبَرِ لَعَلَّهُمْ يَرْجِعُونَ
और हम यक़ीनी (क़यामत के) बड़े अज़ाब से पहले दुनिया के (मामूली) अज़ाब का मज़ा चखाएँगें जो अनक़रीब होगा ताकि ये लोग अब भी (मेरी तरफ) रुज़ू करें

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