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Surah Ar-Rad Ayahs #43 Translated in Hindi

أَوَلَمْ يَرَوْا أَنَّا نَأْتِي الْأَرْضَ نَنْقُصُهَا مِنْ أَطْرَافِهَا ۚ وَاللَّهُ يَحْكُمُ لَا مُعَقِّبَ لِحُكْمِهِ ۚ وَهُوَ سَرِيعُ الْحِسَابِ
और उनसे हिसाब लेना हमारा काम है क्या उन लोगों ने ये बात न देखी कि हम ज़मीन को (फ़ुतुहाते इस्लाम से) उसके तमाम एतराफ (चारो ओर) से (सवाह कुफ्र में) घटाते चले आते हैं और ख़ुदा जो चाहता है हुक्म देता है उसके हुक्म का कोई टालने वाला नहीं और बहुत जल्द हिसाब लेने वाला है
وَقَدْ مَكَرَ الَّذِينَ مِنْ قَبْلِهِمْ فَلِلَّهِ الْمَكْرُ جَمِيعًا ۖ يَعْلَمُ مَا تَكْسِبُ كُلُّ نَفْسٍ ۗ وَسَيَعْلَمُ الْكُفَّارُ لِمَنْ عُقْبَى الدَّارِ
और जो लोग उन (कुफ्फार मक्के) से पहले हो गुज़रे हैं उन लोगों ने भी पैग़म्बरों की मुख़ालफत में बड़ी बड़ी तदबीरे की तो (ख़ाक न हो सका क्योंकि) सब तदबीरे तो ख़ुदा ही के हाथ में हैं जो शख़्श जो कुछ करता है वह उसे खूब जानता है और अनक़रीब कुफ्फार को भी मालूम हो जाएगा कि आख़िरत की खूबी किस के लिए है
وَيَقُولُ الَّذِينَ كَفَرُوا لَسْتَ مُرْسَلًا ۚ قُلْ كَفَىٰ بِاللَّهِ شَهِيدًا بَيْنِي وَبَيْنَكُمْ وَمَنْ عِنْدَهُ عِلْمُ الْكِتَابِ
और (ऐ रसूल) काफिर लोग कहते हैं कि तुम पैग़म्बर नही हो तो तुम (उनसे) कह दो कि मेरे और तुम्हारे दरमियान मेरी रिसालत की गवाही के वास्ते ख़ुदा और वह शख़्श जिसके पास (आसमानी) किताब का इल्म है काफी है

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