Quran Apps in many lanuages:

Surah An-Naml Ayahs #93 Translated in Hindi

إِنَّمَا أُمِرْتُ أَنْ أَعْبُدَ رَبَّ هَٰذِهِ الْبَلْدَةِ الَّذِي حَرَّمَهَا وَلَهُ كُلُّ شَيْءٍ ۖ وَأُمِرْتُ أَنْ أَكُونَ مِنَ الْمُسْلِمِينَ
(ऐ रसूल उनसे कह दो कि) मुझे तो बस यही हुक्म दिया गया है कि मै इस शहर (मक्का) के मालिक की इबादत करुँ जिसने उसे इज्ज़त व हुरमत दी है और हर चीज़ उसकी है और मुझे ये हुक्म दिया गया कि मै (उसके) फरमाबरदार बन्दों में से हूँ
وَأَنْ أَتْلُوَ الْقُرْآنَ ۖ فَمَنِ اهْتَدَىٰ فَإِنَّمَا يَهْتَدِي لِنَفْسِهِ ۖ وَمَنْ ضَلَّ فَقُلْ إِنَّمَا أَنَا مِنَ الْمُنْذِرِينَ
और ये कि मै क़ुरान पढ़ा करुँ फिर जो शख्स राह पर आया तो अपनी ज़ात के नफे क़े वास्ते राह पर आया और जो गुमराह हुआ तो तुम कह दो कि मै भी एक एक डराने वाला हूँ
وَقُلِ الْحَمْدُ لِلَّهِ سَيُرِيكُمْ آيَاتِهِ فَتَعْرِفُونَهَا ۚ وَمَا رَبُّكَ بِغَافِلٍ عَمَّا تَعْمَلُونَ
और तुम कह दो कि अल्हमदोलिल्लाह वह अनक़रीब तुम्हें (अपनी क़ुदरत की) निशानियाँ दिखा देगा तो तुम उन्हें पहचान लोगे और जो कुछ तुम करते हो तुम्हारा परवरदिगार उससे ग़ाफिल नहीं है

Choose other languages: