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Surah An-Naml Ayahs #49 Translated in Hindi

وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا إِلَىٰ ثَمُودَ أَخَاهُمْ صَالِحًا أَنِ اعْبُدُوا اللَّهَ فَإِذَا هُمْ فَرِيقَانِ يَخْتَصِمُونَ
और अब मैं सुलेमान के साथ सारे जहाँ के पालने वाले खुदा पर ईमान लाती हूँ और हम ही ने क़ौम समूद के पास उनके भाई सालेह को पैग़म्बर बनाकर भेजा कि तुम लोग ख़ुदा की इबादत करो तो वह सालेह के आते ही (मोमिन व काफिर) दो फरीक़ बनकर बाहम झगड़ने लगे
قَالَ يَا قَوْمِ لِمَ تَسْتَعْجِلُونَ بِالسَّيِّئَةِ قَبْلَ الْحَسَنَةِ ۖ لَوْلَا تَسْتَغْفِرُونَ اللَّهَ لَعَلَّكُمْ تُرْحَمُونَ
सालेह ने कहा ऐ मेरी क़ौम (आख़िर) तुम लोग भलाई से पहल बुराई के वास्ते जल्दी क्यों कर रहे हो तुम लोग ख़ुदा की बारगाह में तौबा व अस्तग़फार क्यों नही करते ताकि तुम पर रहम किया जाए
قَالُوا اطَّيَّرْنَا بِكَ وَبِمَنْ مَعَكَ ۚ قَالَ طَائِرُكُمْ عِنْدَ اللَّهِ ۖ بَلْ أَنْتُمْ قَوْمٌ تُفْتَنُونَ
वह लोग बोले हमने तो तुम से और तुम्हारे साथियों से बुरा शगुन पाया सालेह ने कहा तुम्हारी बदकिस्मती ख़ुदा के पास है (ये सब कुछ नहीं) बल्कि तुम लोगों की आज़माइश की जा रही है
وَكَانَ فِي الْمَدِينَةِ تِسْعَةُ رَهْطٍ يُفْسِدُونَ فِي الْأَرْضِ وَلَا يُصْلِحُونَ
और शहर में नौ आदमी थे जो मुल्क के बानीये फसाद थे और इसलाह की फिक्र न करते थे-उन लोगों ने (आपस में) कहा कि बाहम ख़ुदा की क़सम खाते जाओ
قَالُوا تَقَاسَمُوا بِاللَّهِ لَنُبَيِّتَنَّهُ وَأَهْلَهُ ثُمَّ لَنَقُولَنَّ لِوَلِيِّهِ مَا شَهِدْنَا مَهْلِكَ أَهْلِهِ وَإِنَّا لَصَادِقُونَ
कि हम लोग सालेह और उसके लड़के बालो पर शब खून करे उसके बाद उसके वाली वारिस से कह देगें कि हम लोग उनके घर वालों को हलाक़ होते वक्त मौजूद ही न थे और हम लोग तो यक़ीनन सच्चे हैं

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