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Surah An-Nahl Ayahs #23 Translated in Hindi

وَاللَّهُ يَعْلَمُ مَا تُسِرُّونَ وَمَا تُعْلِنُونَ
बेशक ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है कि (तुम्हारी नाफरमानी पर भी नेअमत देता है)
وَالَّذِينَ يَدْعُونَ مِنْ دُونِ اللَّهِ لَا يَخْلُقُونَ شَيْئًا وَهُمْ يُخْلَقُونَ
और जो कुछ तुम छिपाकर करते हो और जो कुछ ज़ाहिर करते हो (ग़रज़) ख़ुदा (सब कुछ) जानता है और (ये कुफ्फार) ख़ुदा को छोड़कर जिन लोगों को (हाजत के वक्त) पुकारते हैं वह कुछ भी पैदा नहीं कर सकते
أَمْوَاتٌ غَيْرُ أَحْيَاءٍ ۖ وَمَا يَشْعُرُونَ أَيَّانَ يُبْعَثُونَ
(बल्कि) वह ख़ुद दूसरों के बनाए हुए मुर्दे बेजान हैं और इतनी भी ख़बर नहीं कि कब (क़यामत) होगी और कब मुर्दे उठाए जाएगें
إِلَٰهُكُمْ إِلَٰهٌ وَاحِدٌ ۚ فَالَّذِينَ لَا يُؤْمِنُونَ بِالْآخِرَةِ قُلُوبُهُمْ مُنْكِرَةٌ وَهُمْ مُسْتَكْبِرُونَ
(फिर क्या काम आएंगीं)तुम्हारा परवरदिगार यकता खुदा है तो जो लोग आख़िरत पर ईमान नहीं रखते उनके दिल ही (इस वजह के हैं कि हर बात का) इन्कार करते हैं और वह बड़े मग़रुर हैं
لَا جَرَمَ أَنَّ اللَّهَ يَعْلَمُ مَا يُسِرُّونَ وَمَا يُعْلِنُونَ ۚ إِنَّهُ لَا يُحِبُّ الْمُسْتَكْبِرِينَ
ये लोग जो कुछ छिपा कर करते हैं और जो कुछ ज़ाहिर बज़ाहिर करते हैं (ग़रज़ सब कुछ) ख़ुदा ज़रुर जानता है वह हरगिज़ तकब्बुर करने वालों को पसन्द नहीं करता

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