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Surah Al-Mumenoon Ayahs #76 Translated in Hindi

أَمْ تَسْأَلُهُمْ خَرْجًا فَخَرَاجُ رَبِّكَ خَيْرٌ ۖ وَهُوَ خَيْرُ الرَّازِقِينَ
(ऐ रसूल) क्या तुम उनसे (अपनी रिसालत की) कुछ उजरत माँगतें हों तो तुम्हारे परवरदिगार की उजरत उससे कही बेहतर है और वह तो सबसे बेहतर रोज़ी देने वाला है
وَإِنَّكَ لَتَدْعُوهُمْ إِلَىٰ صِرَاطٍ مُسْتَقِيمٍ
और तुम तो यक़ीनन उनको सीधी राह की तरफ बुलाते हो
وَإِنَّ الَّذِينَ لَا يُؤْمِنُونَ بِالْآخِرَةِ عَنِ الصِّرَاطِ لَنَاكِبُونَ
और इसमें शक नहीं कि जो लोग आख़िरत पर ईमान नहीं रखते वह सीधी राह से हटे हुए हैं
وَلَوْ رَحِمْنَاهُمْ وَكَشَفْنَا مَا بِهِمْ مِنْ ضُرٍّ لَلَجُّوا فِي طُغْيَانِهِمْ يَعْمَهُونَ
और अगर हम उन पर तरस खायें और जो तकलीफें उनको (कुफ्र की वजह से) पहुँच रही हैं उन को दफा कर दें तो यक़ीनन ये लोग (और भी) अपनी सरकशी पर अड़ जाए और भटकते फिरें
وَلَقَدْ أَخَذْنَاهُمْ بِالْعَذَابِ فَمَا اسْتَكَانُوا لِرَبِّهِمْ وَمَا يَتَضَرَّعُونَ
और हमने उनको अज़ाब में गिरफ्तार किया तो भी वे लोग न तो अपने परवरदिगार के सामने झुके और गिड़गिड़ाएँ

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