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Surah Al-Maeda Ayahs #84 Translated in Hindi

تَرَىٰ كَثِيرًا مِنْهُمْ يَتَوَلَّوْنَ الَّذِينَ كَفَرُوا ۚ لَبِئْسَ مَا قَدَّمَتْ لَهُمْ أَنْفُسُهُمْ أَنْ سَخِطَ اللَّهُ عَلَيْهِمْ وَفِي الْعَذَابِ هُمْ خَالِدُونَ
(ऐ रसूल) तुम उन (यहूदियों) में से बहुतेरों को देखोगे कि कुफ्फ़ार से दोस्ती रखते हैं जो सामान पहले से उन लोगों ने ख़ुद अपने वास्ते दुरूस्त किया है किस क़दर बुरा है (जिसका नतीजा ये है) कि (दुनिया में भी) ख़ुदा उन पर गज़बनाक हुआ और (आख़ेरत में भी) हमेशा अज़ाब ही में रहेंगे
وَلَوْ كَانُوا يُؤْمِنُونَ بِاللَّهِ وَالنَّبِيِّ وَمَا أُنْزِلَ إِلَيْهِ مَا اتَّخَذُوهُمْ أَوْلِيَاءَ وَلَٰكِنَّ كَثِيرًا مِنْهُمْ فَاسِقُونَ
और अगर ये लोग ख़ुदा और रसूल पर और जो कुछ उनपर नाज़िल किया गया है ईमान रखते हैं तो हरगिज़ (उनको अपना) दोस्त न बनाते मगर उनमें के बहुतेरे तो बदचलन हैं
لَتَجِدَنَّ أَشَدَّ النَّاسِ عَدَاوَةً لِلَّذِينَ آمَنُوا الْيَهُودَ وَالَّذِينَ أَشْرَكُوا ۖ وَلَتَجِدَنَّ أَقْرَبَهُمْ مَوَدَّةً لِلَّذِينَ آمَنُوا الَّذِينَ قَالُوا إِنَّا نَصَارَىٰ ۚ ذَٰلِكَ بِأَنَّ مِنْهُمْ قِسِّيسِينَ وَرُهْبَانًا وَأَنَّهُمْ لَا يَسْتَكْبِرُونَ
(ऐ रसूल) ईमान लाने वालों का दुशमन सबसे बढ़के यहूदियों और मुशरिकों को पाओगे और ईमानदारों का दोस्ती में सबसे बढ़के क़रीब उन लोगों को पाओगे जो अपने को नसारा कहते हैं क्योंकि इन (नसारा) में से यक़ीनी बहुत से आमिल और आबिद हैं और इस सबब से (भी) कि ये लोग हरगिज़ शेख़ी नहीं करते
وَإِذَا سَمِعُوا مَا أُنْزِلَ إِلَى الرَّسُولِ تَرَىٰ أَعْيُنَهُمْ تَفِيضُ مِنَ الدَّمْعِ مِمَّا عَرَفُوا مِنَ الْحَقِّ ۖ يَقُولُونَ رَبَّنَا آمَنَّا فَاكْتُبْنَا مَعَ الشَّاهِدِينَ
और तू देखता है कि जब यह लोग (इस कुरान) को सुनते हैं जो हमारे रसूल पर नाज़िल किया गया है तो उनकी ऑंखों से बेसाख्ता (छलक कर) ऑंसू जारी हो जातें है क्योंकि उन्होंने (अम्र) हक़ को पहचान लिया है (और) अर्ज़ करते हैं कि ऐ मेरे पालने वाले हम तो ईमान ला चुके तो (रसूल की) तसदीक़ करने वालों के साथ हमें भी लिख रख
وَمَا لَنَا لَا نُؤْمِنُ بِاللَّهِ وَمَا جَاءَنَا مِنَ الْحَقِّ وَنَطْمَعُ أَنْ يُدْخِلَنَا رَبُّنَا مَعَ الْقَوْمِ الصَّالِحِينَ
और हमको क्या हो गया है कि हम ख़ुदा और जो हक़ बात हमारे पास आ चुकी है उस पर तो ईमान न लाएँ और (फिर) ख़ुदा से उम्मीद रखें कि वह अपने नेक बन्दों के साथ हमें (बेहिश्त में) पहुँचा ही देगा

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