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Surah Al-Jathiya Ayahs #17 Translated in Hindi

وَسَخَّرَ لَكُمْ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الْأَرْضِ جَمِيعًا مِنْهُ ۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَاتٍ لِقَوْمٍ يَتَفَكَّرُونَ
और जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है सबको अपने (हुक्म) से तुम्हारे काम में लगा दिया है जो लोग ग़ौर करते हैं उनके लिए इसमें (क़ुदरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं
قُلْ لِلَّذِينَ آمَنُوا يَغْفِرُوا لِلَّذِينَ لَا يَرْجُونَ أَيَّامَ اللَّهِ لِيَجْزِيَ قَوْمًا بِمَا كَانُوا يَكْسِبُونَ
(ऐ रसूल) मोमिनों से कह दो कि जो लोग ख़ुदा के दिनों की (जो जज़ा के लिए मुक़र्रर हैं) तवक्क़ो नहीं रखते उनसे दरगुज़र करें ताकि वह लोगों के आमाल का बदला दे
مَنْ عَمِلَ صَالِحًا فَلِنَفْسِهِ ۖ وَمَنْ أَسَاءَ فَعَلَيْهَا ۖ ثُمَّ إِلَىٰ رَبِّكُمْ تُرْجَعُونَ
जो शख़्श नेक काम करता है तो ख़ास अपने लिए और बुरा काम करेगा तो उस का वबाल उसी पर होगा फिर (आख़िर) तुम अपने परवरदिगार की तरफ लौटाए जाओगे
وَلَقَدْ آتَيْنَا بَنِي إِسْرَائِيلَ الْكِتَابَ وَالْحُكْمَ وَالنُّبُوَّةَ وَرَزَقْنَاهُمْ مِنَ الطَّيِّبَاتِ وَفَضَّلْنَاهُمْ عَلَى الْعَالَمِينَ
और हमने बनी इसराईल को किताब (तौरेत) और हुकूमत और नबूवत अता की और उन्हें उम्दा उम्दा चीज़ें खाने को दीं और उनको सारे जहॉन पर फ़ज़ीलत दी
وَآتَيْنَاهُمْ بَيِّنَاتٍ مِنَ الْأَمْرِ ۖ فَمَا اخْتَلَفُوا إِلَّا مِنْ بَعْدِ مَا جَاءَهُمُ الْعِلْمُ بَغْيًا بَيْنَهُمْ ۚ إِنَّ رَبَّكَ يَقْضِي بَيْنَهُمْ يَوْمَ الْقِيَامَةِ فِيمَا كَانُوا فِيهِ يَخْتَلِفُونَ
और उनको दीन की खुली हुई दलीलें इनायत की तो उन लोगों ने इल्म आ चुकने के बाद बस आपस की ज़िद में एक दूसरे से एख्तेलाफ़ किया कि ये लोग जिन बातों से एख्तेलाफ़ कर रहें हैं क़यामत के दिन तुम्हारा परवरदिगार उनमें फैसला कर देगा

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