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Surah Al-Hijr Ayahs #31 Translated in Hindi

وَالْجَانَّ خَلَقْنَاهُ مِنْ قَبْلُ مِنْ نَارِ السَّمُومِ
और हम ही ने जिन्नात को आदमी से (भी) पहले वे धुएँ की तेज़ आग से पैदा किया
وَإِذْ قَالَ رَبُّكَ لِلْمَلَائِكَةِ إِنِّي خَالِقٌ بَشَرًا مِنْ صَلْصَالٍ مِنْ حَمَإٍ مَسْنُونٍ
और (ऐ रसूल वह वक्त याद करो) जब तुम्हारे परवरदिगार ने फरिश्तों से कहा कि मैं एक आदमी को खमीर दी हुई मिट्टी से (जो सूखकर) खन खन बोलने लगे पैदा करने वाला हूँ
فَإِذَا سَوَّيْتُهُ وَنَفَخْتُ فِيهِ مِنْ رُوحِي فَقَعُوا لَهُ سَاجِدِينَ
तो जिस वक्त मै उसको हर तरह से दुरुस्त कर चुके और उसमें अपनी (तरफ से) रुह फूँक दूँ तो सब के सब उसके सामने सजदे में गिर पड़ना
فَسَجَدَ الْمَلَائِكَةُ كُلُّهُمْ أَجْمَعُونَ
ग़रज़ फरिश्ते तो सब के सब सर ब सजूद हो गए
إِلَّا إِبْلِيسَ أَبَىٰ أَنْ يَكُونَ مَعَ السَّاجِدِينَ
मगर इबलीस (मलऊन) की उसने सजदा करने वालों के साथ शामिल होने से इन्कार किया

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