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Surah Al-Hajj Ayahs #42 Translated in Hindi

إِنَّ اللَّهَ يُدَافِعُ عَنِ الَّذِينَ آمَنُوا ۗ إِنَّ اللَّهَ لَا يُحِبُّ كُلَّ خَوَّانٍ كَفُورٍ
और (ऐ रसूल) नेकी करने वालों को (हमेशा की) ख़ुशख़बरी दे दो इसमें शक नहीं कि खुदा ईमानवालों से कुफ्फ़ार को दूर दफा करता रहता है खुदा किसी बददयानत नाशुक्रे को हरगिज़ दोस्त नहीं रखता
أُذِنَ لِلَّذِينَ يُقَاتَلُونَ بِأَنَّهُمْ ظُلِمُوا ۚ وَإِنَّ اللَّهَ عَلَىٰ نَصْرِهِمْ لَقَدِيرٌ
जिन (मुसलमानों) से (कुफ्फ़ार) लड़ते थे चूँकि वह (बहुत) सताए गए उस वजह से उन्हें भी (जिहाद) की इजाज़त दे दी गई और खुदा तो उन लोगों की मदद पर यक़ीनन क़ादिर (वत वाना) है
الَّذِينَ أُخْرِجُوا مِنْ دِيَارِهِمْ بِغَيْرِ حَقٍّ إِلَّا أَنْ يَقُولُوا رَبُّنَا اللَّهُ ۗ وَلَوْلَا دَفْعُ اللَّهِ النَّاسَ بَعْضَهُمْ بِبَعْضٍ لَهُدِّمَتْ صَوَامِعُ وَبِيَعٌ وَصَلَوَاتٌ وَمَسَاجِدُ يُذْكَرُ فِيهَا اسْمُ اللَّهِ كَثِيرًا ۗ وَلَيَنْصُرَنَّ اللَّهُ مَنْ يَنْصُرُهُ ۗ إِنَّ اللَّهَ لَقَوِيٌّ عَزِيزٌ
ये वह (मज़लूम हैं जो बेचारे) सिर्फ इतनी बात कहने पर कि हमारा परवरदिगार खुदा है (नाहक़) अपने-अपने घरों से निकाल दिए गये और अगर खुदा लोगों को एक दूसरे से दूर दफा न करता रहता तो गिरजे और यहूदियों के इबादत ख़ाने और मजूस के इबादतख़ाने और मस्जिद जिनमें कसरत से खुदा का नाम लिया जाता है कब के कब ढहा दिए गए होते और जो शख्स खुदा की मदद करेगा खुदा भी अलबत्ता उसकी मदद ज़रूर करेगा बेशक खुदा ज़रूर ज़बरदस्त ग़ालिब है
الَّذِينَ إِنْ مَكَّنَّاهُمْ فِي الْأَرْضِ أَقَامُوا الصَّلَاةَ وَآتَوُا الزَّكَاةَ وَأَمَرُوا بِالْمَعْرُوفِ وَنَهَوْا عَنِ الْمُنْكَرِ ۗ وَلِلَّهِ عَاقِبَةُ الْأُمُورِ
ये वह लोग हैं कि अगर हम इन्हें रूए ज़मीन पर क़ाबू दे दे तो भी यह लोग पाबन्दी से नमाजे अदा करेंगे और ज़कात देंगे और अच्छे-अच्छे काम का हुक्म करेंगे और बुरी बातों से (लोगों को) रोकेंगे और (यूँ तो) सब कामों का अन्जाम खुदा ही के एख्तेयार में है
وَإِنْ يُكَذِّبُوكَ فَقَدْ كَذَّبَتْ قَبْلَهُمْ قَوْمُ نُوحٍ وَعَادٌ وَثَمُودُ
और (ऐ रसूल) अगर ये (कुफ्फ़ार) तुमको झुठलाते हैं तो कोइ ताज्जुब की बात नहीं उनसे पहले नूह की क़ौम और (क़ौमे आद और समूद)

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