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Surah Al-Furqan Ayahs #52 Translated in Hindi

وَهُوَ الَّذِي أَرْسَلَ الرِّيَاحَ بُشْرًا بَيْنَ يَدَيْ رَحْمَتِهِ ۚ وَأَنْزَلْنَا مِنَ السَّمَاءِ مَاءً طَهُورًا
और वही तो वह (ख़ुदा) है जिसने अपनी रहमत (बारिश) के आगे आगे हवाओं को खुश ख़बरी देने के लिए (पेश ख़ेमा बना के) भेजा और हम ही ने आसमान से बहुत पाक और सुथरा हुआ पानी बरसाया
لِنُحْيِيَ بِهِ بَلْدَةً مَيْتًا وَنُسْقِيَهُ مِمَّا خَلَقْنَا أَنْعَامًا وَأَنَاسِيَّ كَثِيرًا
ताकि हम उसके ज़रिए से मुर्दा (वीरान) शहर को ज़िन्दा (आबाद) कर दें और अपनी मख़लूकात में से चौपायों और बहुत से आदमियों को उससे सेराब करें
وَلَقَدْ صَرَّفْنَاهُ بَيْنَهُمْ لِيَذَّكَّرُوا فَأَبَىٰ أَكْثَرُ النَّاسِ إِلَّا كُفُورًا
और हमने पानी को उनके दरमियान (तरह तरह से) तक़सीम किया ताकि लोग नसीहत हासिल करें मगर अक्सर लोगों ने नाशुक्री के सिवा कुछ न माना
وَلَوْ شِئْنَا لَبَعَثْنَا فِي كُلِّ قَرْيَةٍ نَذِيرًا
और अगर हम चाहते तो हर बस्ती में ज़रुर एक (अज़ाबे ख़ुदा से) डराने वाला पैग़म्बर भेजते
فَلَا تُطِعِ الْكَافِرِينَ وَجَاهِدْهُمْ بِهِ جِهَادًا كَبِيرًا
(तो ऐ रसूल) तुम काफिरों की इताअत न करना और उनसे कुरान के (दलाएल) से खूब लड़ों

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