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Surah Al-Ankabut Ayahs #18 Translated in Hindi

وَلَقَدْ أَرْسَلْنَا نُوحًا إِلَىٰ قَوْمِهِ فَلَبِثَ فِيهِمْ أَلْفَ سَنَةٍ إِلَّا خَمْسِينَ عَامًا فَأَخَذَهُمُ الطُّوفَانُ وَهُمْ ظَالِمُونَ
और हमने नूह को उनकी क़ौम के पास (पैग़म्बर बनाकर) भेजा तो वह उनमें पचास कम हज़ार बरस रहे (और हिदायत किया किए और जब न माना) तो आख़िर तूफान ने उन्हें ले डाला और वह उस वक्त भी सरकश ही थे
فَأَنْجَيْنَاهُ وَأَصْحَابَ السَّفِينَةِ وَجَعَلْنَاهَا آيَةً لِلْعَالَمِينَ
फिर हमने नूह और कश्ती में रहने वालों को बचा लिया और हमने इस वाक़िये को सारी ख़ुदाई के वास्ते (अपनी क़ुदरत की) निशानी क़रार दी
وَإِبْرَاهِيمَ إِذْ قَالَ لِقَوْمِهِ اعْبُدُوا اللَّهَ وَاتَّقُوهُ ۖ ذَٰلِكُمْ خَيْرٌ لَكُمْ إِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُونَ
और इबराहीम को (याद करो) जब उन्होंने कहा कि (भाईयों) ख़ुदा की इबादत करो और उससे डरो अगर तुम समझते बूझते हो तो यही तुम्हारे हक़ में बेहतर है
إِنَّمَا تَعْبُدُونَ مِنْ دُونِ اللَّهِ أَوْثَانًا وَتَخْلُقُونَ إِفْكًا ۚ إِنَّ الَّذِينَ تَعْبُدُونَ مِنْ دُونِ اللَّهِ لَا يَمْلِكُونَ لَكُمْ رِزْقًا فَابْتَغُوا عِنْدَ اللَّهِ الرِّزْقَ وَاعْبُدُوهُ وَاشْكُرُوا لَهُ ۖ إِلَيْهِ تُرْجَعُونَ
(मगर) तुम लोग तो ख़ुदा को छोड़कर सिर्फ बुतों की परसतिश करते हैं और झूठी बातें (अपने दिल से) गढ़ते हो इसमें तो शक ही नहीं कि ख़ुदा को छोड़कर जिन लोगों की तुम परसतिश करते हो वह तुम्हारी रोज़ी का एख्तेयार नही रखते-बस ख़ुदा ही से रोज़ी भी माँगों और उसकी इबादत भी करो उसका शुक्र करो (क्योंकि) तुम लोग (एक दिन) उसी की तरफ लौटाए जाओगे
وَإِنْ تُكَذِّبُوا فَقَدْ كَذَّبَ أُمَمٌ مِنْ قَبْلِكُمْ ۖ وَمَا عَلَى الرَّسُولِ إِلَّا الْبَلَاغُ الْمُبِينُ
और (ऐ अहले मक्का) अगर तुमने (मेरे रसूल को) झुठलाया तो (कुछ परवाह नहीं) तुमसे पहले भी तो बहुतेरी उम्मते (अपने पैग़म्बरों को) झुठला चुकी हैं और रसूल के ज़िम्मे तो सिर्फ (एहक़ाम का) पहुँचा देना है

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