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Surah Al-Anbiya Ayahs #23 Translated in Hindi

وَلَهُ مَنْ فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۚ وَمَنْ عِنْدَهُ لَا يَسْتَكْبِرُونَ عَنْ عِبَادَتِهِ وَلَا يَسْتَحْسِرُونَ
हालाँकि जो लोग (फरिश्ते) आसमान और ज़मीन में हैं (सब) उसी के (बन्दे) हैं और जो (फरिश्ते) उस सरकार में हैं न तो वह उसकी इबादत की शेख़ी करते हैं और न थकते हैं
يُسَبِّحُونَ اللَّيْلَ وَالنَّهَارَ لَا يَفْتُرُونَ
रात और दिन उसकी तस्बीह किया करते हैं (और) कभी काहिली नहीं करते
أَمِ اتَّخَذُوا آلِهَةً مِنَ الْأَرْضِ هُمْ يُنْشِرُونَ
उन लोगों जो माबूद ज़मीन में बना रखे हैं क्या वही (लोगों को) ज़िन्दा करेंगे
لَوْ كَانَ فِيهِمَا آلِهَةٌ إِلَّا اللَّهُ لَفَسَدَتَا ۚ فَسُبْحَانَ اللَّهِ رَبِّ الْعَرْشِ عَمَّا يَصِفُونَ
अगर बफ़रने मुहाल) ज़मीन व आसमान में खुदा कि सिवा चन्द माबूद होते तो दोनों कब के बरबाद हो गए होते तो जो बातें ये लोग अपने जी से (उसके बारे में) बनाया करते हैं खुदा जो अर्श का मालिक है उन तमाम ऐबों से पाक व पाकीज़ा है
لَا يُسْأَلُ عَمَّا يَفْعَلُ وَهُمْ يُسْأَلُونَ
जो कुछ वह करता है उसकी पूछगछ नहीं हो सकती

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