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Surah Al-Anbiya Ayahs #22 Translated in Hindi

بَلْ نَقْذِفُ بِالْحَقِّ عَلَى الْبَاطِلِ فَيَدْمَغُهُ فَإِذَا هُوَ زَاهِقٌ ۚ وَلَكُمُ الْوَيْلُ مِمَّا تَصِفُونَ
बल्कि हम तो हक़ को नाहक़ (के सर) पर खींच मारते हैं तो वह बिल्कुल के सर को कुचल देता है फिर वह उसी वक्त नेस्तवेनाबूद हो जाता है और तुम पर अफ़सोस है कि ऐसी-ऐसी नाहक़ बातें बनाये करते हो
وَلَهُ مَنْ فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۚ وَمَنْ عِنْدَهُ لَا يَسْتَكْبِرُونَ عَنْ عِبَادَتِهِ وَلَا يَسْتَحْسِرُونَ
हालाँकि जो लोग (फरिश्ते) आसमान और ज़मीन में हैं (सब) उसी के (बन्दे) हैं और जो (फरिश्ते) उस सरकार में हैं न तो वह उसकी इबादत की शेख़ी करते हैं और न थकते हैं
يُسَبِّحُونَ اللَّيْلَ وَالنَّهَارَ لَا يَفْتُرُونَ
रात और दिन उसकी तस्बीह किया करते हैं (और) कभी काहिली नहीं करते
أَمِ اتَّخَذُوا آلِهَةً مِنَ الْأَرْضِ هُمْ يُنْشِرُونَ
उन लोगों जो माबूद ज़मीन में बना रखे हैं क्या वही (लोगों को) ज़िन्दा करेंगे
لَوْ كَانَ فِيهِمَا آلِهَةٌ إِلَّا اللَّهُ لَفَسَدَتَا ۚ فَسُبْحَانَ اللَّهِ رَبِّ الْعَرْشِ عَمَّا يَصِفُونَ
अगर बफ़रने मुहाल) ज़मीन व आसमान में खुदा कि सिवा चन्द माबूद होते तो दोनों कब के बरबाद हो गए होते तो जो बातें ये लोग अपने जी से (उसके बारे में) बनाया करते हैं खुदा जो अर्श का मालिक है उन तमाम ऐबों से पाक व पाकीज़ा है

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