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Surah Al-Anaam Ayahs #29 Translated in Hindi

وَمِنْهُمْ مَنْ يَسْتَمِعُ إِلَيْكَ ۖ وَجَعَلْنَا عَلَىٰ قُلُوبِهِمْ أَكِنَّةً أَنْ يَفْقَهُوهُ وَفِي آذَانِهِمْ وَقْرًا ۚ وَإِنْ يَرَوْا كُلَّ آيَةٍ لَا يُؤْمِنُوا بِهَا ۚ حَتَّىٰ إِذَا جَاءُوكَ يُجَادِلُونَكَ يَقُولُ الَّذِينَ كَفَرُوا إِنْ هَٰذَا إِلَّا أَسَاطِيرُ الْأَوَّلِينَ
वह सब ग़ायब हो गयी और बाज़ उनमें के ऐसे भी हैं जो तुम्हारी (बातों की) तरफ कान लगाए रहते हैं और (उनकी हठ धर्मी इस हद को पहुँची है कि गोया हमने ख़ुद उनके दिलों पर परदे डाल दिए हैं और उनके कानों में बहरापन पैदा कर दिया है कि उसे समझ न सकें और अगर वह सारी (ख़ुदाई के) मौजिज़े भी देखे लें तब भी ईमान न लाएंगें यहाँ तक (हठ धर्मी पहुची) कि जब तुम्हारे पास तुम से उलझे हुए आ निकलते हैं तो कुफ्फ़ार (क़ुरान लेकर) कहा बैठे है (कि भला इसमें रखा ही क्या है) ये तो अगलों की कहानियों के सिवा कुछ भी नहीं
وَهُمْ يَنْهَوْنَ عَنْهُ وَيَنْأَوْنَ عَنْهُ ۖ وَإِنْ يُهْلِكُونَ إِلَّا أَنْفُسَهُمْ وَمَا يَشْعُرُونَ
और ये लोग (दूसरों को भी) उस के (सुनने से) से रोकते हैं और ख़ुद तो अलग थलग रहते ही हैं और (इन बातों से) बस आप ही अपने को हलाक करते हैं और (अफसोस) समझते नहीं
وَلَوْ تَرَىٰ إِذْ وُقِفُوا عَلَى النَّارِ فَقَالُوا يَا لَيْتَنَا نُرَدُّ وَلَا نُكَذِّبَ بِآيَاتِ رَبِّنَا وَنَكُونَ مِنَ الْمُؤْمِنِينَ
(ऐ रसूल) अगर तुम उन लोगों को उस वक्त देखते (तो ताज्जुब करते) जब जहन्नुम (के किनारे) पर लाकर खड़े किए जाओगे तो (उसे देखकर) कहेगें ऐ काश हम (दुनिया में) फिर (दुबारा) लौटा भी दिए जाते और अपने परवरदिगार की आयतों को न झुठलाते और हम मोमिनीन से होते (मगर उनकी आरज़ू पूरी न होगी)
بَلْ بَدَا لَهُمْ مَا كَانُوا يُخْفُونَ مِنْ قَبْلُ ۖ وَلَوْ رُدُّوا لَعَادُوا لِمَا نُهُوا عَنْهُ وَإِنَّهُمْ لَكَاذِبُونَ
बल्कि जो (बेईमानी) पहले से छिपाते थे आज (उसकी हक़ीक़त) उन पर खुल गयी और (हम जानते हैं कि) अगर ये लोग (दुनिया में) लौटा भी दिए जाएं तो भी जिस चीज़ की मनाही की गयी है उसे करें और ज़रुर करें और इसमें शक़ नहीं कि ये लोग ज़रुर झूठे हैं
وَقَالُوا إِنْ هِيَ إِلَّا حَيَاتُنَا الدُّنْيَا وَمَا نَحْنُ بِمَبْعُوثِينَ
और कुफ्फार ये भी तो कहते हैं कि हमारी इस दुनिया ज़िन्दगी के सिवा कुछ भी नहीं और (क़यामत वग़ैरह सब ढकोसला है) हम (मरने के बाद) भी उठाए ही न जायेंगे

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