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Surah Al-Anaam Ayahs #110 Translated in Hindi

اتَّبِعْ مَا أُوحِيَ إِلَيْكَ مِنْ رَبِّكَ ۖ لَا إِلَٰهَ إِلَّا هُوَ ۖ وَأَعْرِضْ عَنِ الْمُشْرِكِينَ
जो कुछ तुम्हारे पास तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से 'वही' की जाए बस उसी पर चलो अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और मुशरिको से किनारा कश रहो
وَلَوْ شَاءَ اللَّهُ مَا أَشْرَكُوا ۗ وَمَا جَعَلْنَاكَ عَلَيْهِمْ حَفِيظًا ۖ وَمَا أَنْتَ عَلَيْهِمْ بِوَكِيلٍ
और अगर ख़ुदा चाहता तो ये लोग शिर्क ही न करते और हमने तुमको उन लोगों का निगेहबान तो बनाया नहीं है और न तुम उनके ज़िम्मेदार हो
وَلَا تَسُبُّوا الَّذِينَ يَدْعُونَ مِنْ دُونِ اللَّهِ فَيَسُبُّوا اللَّهَ عَدْوًا بِغَيْرِ عِلْمٍ ۗ كَذَٰلِكَ زَيَّنَّا لِكُلِّ أُمَّةٍ عَمَلَهُمْ ثُمَّ إِلَىٰ رَبِّهِمْ مَرْجِعُهُمْ فَيُنَبِّئُهُمْ بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ
और ये (मुशरेकीन) जिन की अल्लाह के सिवा (ख़ुदा समझ कर) इबादत करते हैं उन्हें तुम बुरा न कहा करो वरना ये लोग भी ख़ुदा को बिना समझें अदावत से बुरा (भला) कह बैठें (और लोग उनकी ख्वाहिश नफसानी के) इस तरह पाबन्द हुए कि गोया हमने ख़ुद हर गिरोह के आमाल उनको सॅवाकर अच्छे कर दिखाए फिर उन्हें तो (आख़िरकार) अपने परवरदिगार की तरफ लौट कर जाना है तब जो कुछ दुनिया में कर रहे थे ख़ुदा उन्हें बता देगा
وَأَقْسَمُوا بِاللَّهِ جَهْدَ أَيْمَانِهِمْ لَئِنْ جَاءَتْهُمْ آيَةٌ لَيُؤْمِنُنَّ بِهَا ۚ قُلْ إِنَّمَا الْآيَاتُ عِنْدَ اللَّهِ ۖ وَمَا يُشْعِرُكُمْ أَنَّهَا إِذَا جَاءَتْ لَا يُؤْمِنُونَ
और उन लोगों ने ख़ुदा की सख्त सख्त क़समें खायीं कि अगर उनके पास कोई मौजिजा आए तो वह ज़रूर उस पर ईमान लाएँगे (ऐ रसूल) तुम कहो कि मौजिज़े तो बस ख़ुदा ही के पास हैं और तुम्हें क्या मालूम ये यक़ीनी बात है कि जब मौजिज़ा भी आएगा तो भी ये ईमान न लाएँगे
وَنُقَلِّبُ أَفْئِدَتَهُمْ وَأَبْصَارَهُمْ كَمَا لَمْ يُؤْمِنُوا بِهِ أَوَّلَ مَرَّةٍ وَنَذَرُهُمْ فِي طُغْيَانِهِمْ يَعْمَهُونَ
और हम उनके दिल और उनकी ऑंखें उलट पलट कर देंगे जिस तरह ये लोग कुरान पर पहली मरतबा ईमान न लाए और हम उन्हें उनकी सरकशी की हालत में छोड़ देंगे कि सरगिरदाँ (परेशान) रहें

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