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Surah Ta-Ha Ayahs #93 Translated in Hindi

أَفَلَا يَرَوْنَ أَلَّا يَرْجِعُ إِلَيْهِمْ قَوْلًا وَلَا يَمْلِكُ لَهُمْ ضَرًّا وَلَا نَفْعًا
भला इनको इतनी भी न सूझी कि ये बछड़ा न तो उन लोगों को पलट कर उन की बात का जवाब ही देता है और न उनका ज़रर ही उस के हाथ में है और न नफ़ा
وَلَقَدْ قَالَ لَهُمْ هَارُونُ مِنْ قَبْلُ يَا قَوْمِ إِنَّمَا فُتِنْتُمْ بِهِ ۖ وَإِنَّ رَبَّكُمُ الرَّحْمَٰنُ فَاتَّبِعُونِي وَأَطِيعُوا أَمْرِي
और हारून ने उनसे पहले कहा भी था कि ऐ मेरी क़ौम तुम्हारा सिर्फ़ इसके ज़रिये से इम्तिहान किया जा रहा है और इसमें शक नहीं कि तम्हारा परवरदिगार (बस खुदाए रहमान है) तो तुम मेरी पैरवी करो और मेरा कहा मानो
قَالُوا لَنْ نَبْرَحَ عَلَيْهِ عَاكِفِينَ حَتَّىٰ يَرْجِعَ إِلَيْنَا مُوسَىٰ
तो वह लोग कहने लगे जब तक मूसा हमारे पास पलट कर न आएँ हम तो बराबर इसकी परसतिश पर डटे बैठे रहेंगे
قَالَ يَا هَارُونُ مَا مَنَعَكَ إِذْ رَأَيْتَهُمْ ضَلُّوا
मूसा ने हारून की तरफ ख़िताब करके कहा ऐ हारून जब तुमने उनको देख लिया था गमुराह हो गए हैं तो तुम्हें मेरी पैरवी (क़ताल) करने को किसने मना किया
أَلَّا تَتَّبِعَنِ ۖ أَفَعَصَيْتَ أَمْرِي
तो क्या तुमने मेरे हुक्म की नाफ़रमानी की

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