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Surah Ash-Shu'ara Ayahs #71 Translated in Hindi

إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَةً ۖ وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُمْ مُؤْمِنِينَ
बेशक इसमें यक़ीनन एक बड़ी इबरत है और उनमें अक्सर ईमान लाने वाले ही न थे
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ
और इसमें तो शक ही न था कि तुम्हारा परवरदिगार यक़ीनन (सब पर) ग़ालिब और बड़ा मेहरबान है
وَاتْلُ عَلَيْهِمْ نَبَأَ إِبْرَاهِيمَ
और (ऐ रसूल) उन लोगों के सामने इबराहीम का किस्सा बयान करों
إِذْ قَالَ لِأَبِيهِ وَقَوْمِهِ مَا تَعْبُدُونَ
जब उन्होंने अपने (मुँह बोले) बाप और अपनी क़ौम से कहा
قَالُوا نَعْبُدُ أَصْنَامًا فَنَظَلُّ لَهَا عَاكِفِينَ
कि तुम लोग किसकी इबादत करते हो तो वह बोले हम बुतों की इबादत करते हैं और उन्हीं के मुजाविर बन जाते हैं

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