Quran Apps in many lanuages:

Surah Ash-Shu'ara Ayahs #140 Translated in Hindi

قَالُوا سَوَاءٌ عَلَيْنَا أَوَعَظْتَ أَمْ لَمْ تَكُنْ مِنَ الْوَاعِظِينَ
वह लोग कहने लगे ख्वाह तुम नसीहत करो या न नसीहत करो हमारे वास्ते (सब) बराबर है
إِنْ هَٰذَا إِلَّا خُلُقُ الْأَوَّلِينَ
ये (डरावा) तो बस अगले लोगों की आदत है
وَمَا نَحْنُ بِمُعَذَّبِينَ
हालाँकि हम पर अज़ाब (वग़ैरह अब) किया नहीं जाएगा
فَكَذَّبُوهُ فَأَهْلَكْنَاهُمْ ۗ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَةً ۖ وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُمْ مُؤْمِنِينَ
ग़रज़ उन लोगों ने हूद को झुठला दिया तो हमने भी उनको हलाक कर डाला बेशक इस वाक़िये में यक़ीनी एक बड़ी इबरत है आर उनमें से बहुतेरे ईमान लाने वाले भी न थे
وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ
और इसमें शक नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार यक़ीनन (सब पर) ग़ालिब (और) बड़ा मेहरबान है

Choose other languages: