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Surah Ar-Rum Ayahs #60 Translated in Hindi

فَيَوْمَئِذٍ لَا يَنْفَعُ الَّذِينَ ظَلَمُوا مَعْذِرَتُهُمْ وَلَا هُمْ يُسْتَعْتَبُونَ
तो उस दिन सरकश लोगों को न उनकी उज्र माअज़ेरत कुछ काम आएगी और न उनकी सुनवाई होगी
وَلَقَدْ ضَرَبْنَا لِلنَّاسِ فِي هَٰذَا الْقُرْآنِ مِنْ كُلِّ مَثَلٍ ۚ وَلَئِنْ جِئْتَهُمْ بِآيَةٍ لَيَقُولَنَّ الَّذِينَ كَفَرُوا إِنْ أَنْتُمْ إِلَّا مُبْطِلُونَ
और हमने तो इस कुरान में (लोगों के समझाने को) हर तरह की मिसल बयान कर दी और अगर तुम उनके पास कोई सा मौजिज़ा ले आओ
كَذَٰلِكَ يَطْبَعُ اللَّهُ عَلَىٰ قُلُوبِ الَّذِينَ لَا يَعْلَمُونَ
तो भी यक़ीनन कुफ्फ़ार यही बोल उठेंगे कि तुम लोग निरे दग़ाबाज़ हो जो लोग समझ (और इल्म) नहीं रखते उनके दिलों पर नज़र करके ख़ुदा यू तसदीक़ करता है (कि ये ईमान न लाएँगें)
فَاصْبِرْ إِنَّ وَعْدَ اللَّهِ حَقٌّ ۖ وَلَا يَسْتَخِفَّنَّكَ الَّذِينَ لَا يُوقِنُونَ
तो (ऐ रसूल) तुम सब्र करो बेशक ख़ुदा का वायदा सच्चा है और (कहीं) ऐसा न हो कि जो (तुम्हारी) तसदीक़ नहीं करते तुम्हें (बहका कर) ख़फ़ीफ़ करे दें

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