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Surah Ar-Rahman Ayahs #59 Translated in Hindi

فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने मालिक की किस किस नेअमत को न मानोगे
فِيهِنَّ قَاصِرَاتُ الطَّرْفِ لَمْ يَطْمِثْهُنَّ إِنْسٌ قَبْلَهُمْ وَلَا جَانٌّ
इसमें (पाक दामन ग़ैर की तरफ ऑंख उठा कर न देखने वाली औरतें होंगी जिनको उन से पहले न किसी इन्सान ने हाथ लगाया होगा) और जिन ने
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किन किन नेअमतों को झुठलाओगे
كَأَنَّهُنَّ الْيَاقُوتُ وَالْمَرْجَانُ
(ऐसी हसीन) गोया वह (मुजस्सिम) याक़ूत व मूँगे हैं
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किन किन नेअमतों से मुकरोगे

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