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Surah Ar-Rahman Ayahs #55 Translated in Hindi

فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से मुकरोगे
فِيهِمَا مِنْ كُلِّ فَاكِهَةٍ زَوْجَانِ
इन दोनों बाग़ों में सब मेवे दो दो किस्म के होंगे
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से इन्कार करोगे
مُتَّكِئِينَ عَلَىٰ فُرُشٍ بَطَائِنُهَا مِنْ إِسْتَبْرَقٍ ۚ وَجَنَى الْجَنَّتَيْنِ دَانٍ
यह लोग उन फ़र्शों पर जिनके असतर अतलस के होंगे तकिये लगाकर बैठे होंगे तो दोनों बाग़ों के मेवे (इस क़दर) क़रीब होंगे (कि अगर चाहे तो लगे हुए खालें)
فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
तो तुम दोनों अपने मालिक की किस किस नेअमत को न मानोगे

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