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Surah Ar-Rad Ayahs #28 Translated in Hindi

سَلَامٌ عَلَيْكُمْ بِمَا صَبَرْتُمْ ۚ فَنِعْمَ عُقْبَى الدَّارِ
और सलाम अलैकुम (के बाद कहेगें) कि (दुनिया में) तुमने सब्र किया (ये उसी का सिला है देखो) तो आख़िरत का घर कैसा अच्छा है
وَالَّذِينَ يَنْقُضُونَ عَهْدَ اللَّهِ مِنْ بَعْدِ مِيثَاقِهِ وَيَقْطَعُونَ مَا أَمَرَ اللَّهُ بِهِ أَنْ يُوصَلَ وَيُفْسِدُونَ فِي الْأَرْضِ ۙ أُولَٰئِكَ لَهُمُ اللَّعْنَةُ وَلَهُمْ سُوءُ الدَّارِ
और जो लोग ख़ुदा से एहद व पैमान को पक्का करने के बाद तोड़ डालते हैं और जिन (तालुकात बाहमी) के क़ायम रखने का ख़ुदा ने हुक्म दिया है उन्हें क़तआ (तोड़ते) करते हैं और रुए ज़मीन पर फ़साद फैलाते फिरते हैं ऐसे ही लोग हैं जिनके लिए लानत है और ऐसे ही लोगों के वास्ते बड़ा घर (जहन्नुम) है
اللَّهُ يَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ يَشَاءُ وَيَقْدِرُ ۚ وَفَرِحُوا بِالْحَيَاةِ الدُّنْيَا وَمَا الْحَيَاةُ الدُّنْيَا فِي الْآخِرَةِ إِلَّا مَتَاعٌ
और ख़ुदा ही जिसके लिए चाहता है रोज़ी को बढ़ा देता है और जिसके लिए चाहता है तंग करता है और ये लोग दुनिया की (चन्द रोज़ा) ज़िन्दगी पर बहुत निहाल हैं हालॉकि दुनियावी ज़िन्दगी (नईम) आख़िरत के मुक़ाबिल में बिल्कुल बेहकीक़त चीज़ है
وَيَقُولُ الَّذِينَ كَفَرُوا لَوْلَا أُنْزِلَ عَلَيْهِ آيَةٌ مِنْ رَبِّهِ ۗ قُلْ إِنَّ اللَّهَ يُضِلُّ مَنْ يَشَاءُ وَيَهْدِي إِلَيْهِ مَنْ أَنَابَ
और जिन लोगों ने कुफ्र एख़तियार किया वह कहते हैं कि उस (शख्स यानि तुम) पर हमारी ख्वाहिश के मुवाफिक़ कोई मौजिज़ा उसके परवरदिगार की तरफ से क्यों नहीं नाज़िल होता तुम उनसे कह दो कि इसमें शक़ नहीं कि ख़ुदा जिसे चाहता है गुमराही में छोड़ देता है
الَّذِينَ آمَنُوا وَتَطْمَئِنُّ قُلُوبُهُمْ بِذِكْرِ اللَّهِ ۗ أَلَا بِذِكْرِ اللَّهِ تَطْمَئِنُّ الْقُلُوبُ
और जिसने उसकी तरफ रुज़ू की उसे अपनी तरफ पहुँचने की राह दिखाता है (ये) वह लोग हैं जिन्होंने ईमान कुबूल किया और उनके दिलों को ख़ुदा की चाह से तसल्ली हुआ करती है

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