Quran Apps in many lanuages:

Surah An-Naml Ayahs #31 Translated in Hindi

قَالَ سَنَنْظُرُ أَصَدَقْتَ أَمْ كُنْتَ مِنَ الْكَاذِبِينَ
(ग़रज़) सुलेमान ने कहा हम अभी देखते हैं कि तूने सच सच कहा या तू झूठा है
اذْهَبْ بِكِتَابِي هَٰذَا فَأَلْقِهْ إِلَيْهِمْ ثُمَّ تَوَلَّ عَنْهُمْ فَانْظُرْ مَاذَا يَرْجِعُونَ
(अच्छा) हमारा ये ख़त लेकर जा और उसको उन लोगों के सामने डाल दे फिर उन के पास से जाना फिर देखते रहना कि वह लोग अख़िर क्या जवाब देते हैं
قَالَتْ يَا أَيُّهَا الْمَلَأُ إِنِّي أُلْقِيَ إِلَيَّ كِتَابٌ كَرِيمٌ
(ग़रज़) हुद हुद ने मलका के पास ख़त पहुँचा दिया तो मलका बोली ऐ (मेरे दरबार के) सरदारों ये एक वाजिबुल एहतराम ख़त मेरे पास डाल दिया गया है
إِنَّهُ مِنْ سُلَيْمَانَ وَإِنَّهُ بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
सुलेमान की तरफ से है (ये उसका सरनामा) है बिस्मिल्लाहिररहमानिरहीम
أَلَّا تَعْلُوا عَلَيَّ وَأْتُونِي مُسْلِمِينَ
(और मज़मून) यह है कि मुझ से सरकशी न करो और मेरे सामने फरमाबरदार बन कर हाज़िर हो

Choose other languages: