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Surah Al-Qiyama Ayahs #4 Translated in Hindi

لَا أُقْسِمُ بِيَوْمِ الْقِيَامَةِ
मैं रोजे क़यामत की क़सम खाता हूँ
وَلَا أُقْسِمُ بِالنَّفْسِ اللَّوَّامَةِ
(और बुराई से) मलामत करने वाले जी की क़सम खाता हूँ (कि तुम सब दोबारा) ज़रूर ज़िन्दा किए जाओगे
أَيَحْسَبُ الْإِنْسَانُ أَلَّنْ نَجْمَعَ عِظَامَهُ
क्या इन्सान ये ख्याल करता है (कि हम उसकी हड्डियों को बोसीदा होने के बाद) जमा न करेंगे हाँ (ज़रूर करेंगें)
بَلَىٰ قَادِرِينَ عَلَىٰ أَنْ نُسَوِّيَ بَنَانَهُ
हम इस पर क़ादिर हैं कि हम उसकी पोर पोर दुरूस्त करें

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