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Surah Al-Mumenoon Ayahs #70 Translated in Hindi

قَدْ كَانَتْ آيَاتِي تُتْلَىٰ عَلَيْكُمْ فَكُنْتُمْ عَلَىٰ أَعْقَابِكُمْ تَنْكِصُونَ
(जब) हमारी आयतें तुम्हारे सामने पढ़ी जाती थीं तो तुम अकड़ते किस्सा कहते बकते हुए उन से उलटे पाँव फिर जाते
مُسْتَكْبِرِينَ بِهِ سَامِرًا تَهْجُرُونَ
तो क्या उन लोगों ने (हमारी) बात (कुरान) पर ग़ौर नहीं किया
أَفَلَمْ يَدَّبَّرُوا الْقَوْلَ أَمْ جَاءَهُمْ مَا لَمْ يَأْتِ آبَاءَهُمُ الْأَوَّلِينَ
उनके पास कोई ऐसी नयी चीज़ आयी जो उनके अगले बाप दादाओं के पास नहीं आयी थी
أَمْ لَمْ يَعْرِفُوا رَسُولَهُمْ فَهُمْ لَهُ مُنْكِرُونَ
या उन लोगों ने अपने रसूल ही को नहीं पहचाना तो इस वजह से इन्कार कर बैठे
أَمْ يَقُولُونَ بِهِ جِنَّةٌ ۚ بَلْ جَاءَهُمْ بِالْحَقِّ وَأَكْثَرُهُمْ لِلْحَقِّ كَارِهُونَ
या कहते हैं कि इसको जुनून हो गया है (हरगिज़ उसे जुनून नहीं) बल्कि वह तो उनके पास हक़ बात लेकर आया है और उनमें के अक्सर हक़ बात से नफरत रखते हैं

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