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Surah Al-Hijr Ayahs #22 Translated in Hindi

إِلَّا مَنِ اسْتَرَقَ السَّمْعَ فَأَتْبَعَهُ شِهَابٌ مُبِينٌ
मगर जो शैतान चोरी छिपे (वहाँ की किसी बात पर) कान लगाए तो यहाब का दहकता हुआ योला उसके (खदेड़ने को) पीछे पड़ जाता है
وَالْأَرْضَ مَدَدْنَاهَا وَأَلْقَيْنَا فِيهَا رَوَاسِيَ وَأَنْبَتْنَا فِيهَا مِنْ كُلِّ شَيْءٍ مَوْزُونٍ
और ज़मीन को (भी अपने मख़लूक़ात के रहने सहने को) हम ही ने फैलाया और इसमें (कील की तरह) पहाड़ो के लंगर डाल दिए और हमने उसमें हर किस्म की मुनासिब चीज़े उगाई
وَجَعَلْنَا لَكُمْ فِيهَا مَعَايِشَ وَمَنْ لَسْتُمْ لَهُ بِرَازِقِينَ
और हम ही ने उन्हें तुम्हारे वास्ते ज़िन्दगी के साज़ों सामान बना दिए और उन जानवरों के लिए भी जिन्हें तुम रोज़ी नहीं देते
وَإِنْ مِنْ شَيْءٍ إِلَّا عِنْدَنَا خَزَائِنُهُ وَمَا نُنَزِّلُهُ إِلَّا بِقَدَرٍ مَعْلُومٍ
और हमारे यहाँ तो हर चीज़ के बेशुमार खज़ाने (भरे) पड़े हैं और हम (उसमें से) एक जची तली मिक़दार भेजते रहते है
وَأَرْسَلْنَا الرِّيَاحَ لَوَاقِحَ فَأَنْزَلْنَا مِنَ السَّمَاءِ مَاءً فَأَسْقَيْنَاكُمُوهُ وَمَا أَنْتُمْ لَهُ بِخَازِنِينَ
और हम ही ने वह हवाएँ भेजी जो बादलों को पानी से (भरे हुए) है फिर हम ही ने आसमान से पानी बरसाया फिर हम ही ने तुम लोगों को वह पानी पिलाया और तुम लोगों ने तो कुछ उसको जमा करके नहीं रखा था

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