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Surah Al-Bayyina Ayahs #4 Translated in Hindi

لَمْ يَكُنِ الَّذِينَ كَفَرُوا مِنْ أَهْلِ الْكِتَابِ وَالْمُشْرِكِينَ مُنْفَكِّينَ حَتَّىٰ تَأْتِيَهُمُ الْبَيِّنَةُ
अहले किताब और मुशरिकों से जो लोग काफिर थे जब तक कि उनके पास खुली हुई दलीलें न पहुँचे वह (अपने कुफ्र से) बाज़ आने वाले न थे
رَسُولٌ مِنَ اللَّهِ يَتْلُو صُحُفًا مُطَهَّرَةً
(यानि) ख़ुदा के रसूल जो पाक औराक़ पढ़ते हैं (आए और)
فِيهَا كُتُبٌ قَيِّمَةٌ
उनमें (जो) पुरज़ोर और दरूस्त बातें लिखी हुई हैं (सुनाये)
وَمَا تَفَرَّقَ الَّذِينَ أُوتُوا الْكِتَابَ إِلَّا مِنْ بَعْدِ مَا جَاءَتْهُمُ الْبَيِّنَةُ
अहले किताब मुताफ़र्रिक़ हुए भी तो जब उनके पास खुली हुई दलील आ चुकी

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