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Surah Al-Anfal Ayahs #18 Translated in Hindi

ذَٰلِكُمْ فَذُوقُوهُ وَأَنَّ لِلْكَافِرِينَ عَذَابَ النَّارِ
(काफिरों दुनिया में तो) लो फिर उस (सज़ा का चखो और (फिर आख़िर में तो) काफिरों के वास्ते जहन्नुम का अज़ाब ही है
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا إِذَا لَقِيتُمُ الَّذِينَ كَفَرُوا زَحْفًا فَلَا تُوَلُّوهُمُ الْأَدْبَارَ
ऐ ईमानदारों जब तुमसे कुफ्फ़ार से मैदाने जंग में मुक़ाबला हुआ तो (ख़बरदार) उनकी तरफ पीठ न करना
وَمَنْ يُوَلِّهِمْ يَوْمَئِذٍ دُبُرَهُ إِلَّا مُتَحَرِّفًا لِقِتَالٍ أَوْ مُتَحَيِّزًا إِلَىٰ فِئَةٍ فَقَدْ بَاءَ بِغَضَبٍ مِنَ اللَّهِ وَمَأْوَاهُ جَهَنَّمُ ۖ وَبِئْسَ الْمَصِيرُ
(याद रहे कि) उस शख़्स के सिवा जो लड़ाई वास्ते कतराए या किसी जमाअत के पास (जाकर) मौके पाए (और) जो शख़्स भी उस दिन उन कुफ्फ़ार की तरफ पीठ फेरेगा वह यक़ीनी (हिर फिर के) ख़ुदा के ग़जब में आ गया और उसका ठिकाना जहन्नुम ही हैं और वह क्या बुरा ठिकाना है
فَلَمْ تَقْتُلُوهُمْ وَلَٰكِنَّ اللَّهَ قَتَلَهُمْ ۚ وَمَا رَمَيْتَ إِذْ رَمَيْتَ وَلَٰكِنَّ اللَّهَ رَمَىٰ ۚ وَلِيُبْلِيَ الْمُؤْمِنِينَ مِنْهُ بَلَاءً حَسَنًا ۚ إِنَّ اللَّهَ سَمِيعٌ عَلِيمٌ
और (मुसलमानों) उन कुफ्फ़ार को कुछ तुमने तो क़त्ल किया नही बल्कि उनको तो ख़ुदा ने क़त्ल किया और (ऐ रसूल) जब तुमने तीर मारा तो कुछ तुमने नही मारा बल्कि ख़ुदा ख़ुदा ने तीर मारा और ताकि अपनी तरफ से मोमिनीन पर खूब एहसान करे बेशक ख़ुदा (सबकी) सुनता और (सब कुछ) जानता है
ذَٰلِكُمْ وَأَنَّ اللَّهَ مُوهِنُ كَيْدِ الْكَافِرِينَ
ये तो ये ख़ुदा तो काफिरों की मक्कारी का कमज़ोर कर देने वाला है

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