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Surah Al-Anbiya Ayahs #106 Translated in Hindi

لَا يَسْمَعُونَ حَسِيسَهَا ۖ وَهُمْ فِي مَا اشْتَهَتْ أَنْفُسُهُمْ خَالِدُونَ
(यहाँ तक) कि ये लोग उसकी भनक भी न सुनेंगे और ये लोग हमेशा अपनी मनमाँगी मुरादों में (चैन से) रहेंगे
لَا يَحْزُنُهُمُ الْفَزَعُ الْأَكْبَرُ وَتَتَلَقَّاهُمُ الْمَلَائِكَةُ هَٰذَا يَوْمُكُمُ الَّذِي كُنْتُمْ تُوعَدُونَ
और उनको (क़यामत का) बड़े से बड़ा ख़ौफ़ भी दहशत में न लाएगा और फ़रिश्ते उन से खुशी-खुशी मुलाक़ात करेंगे और ये खुशख़बरी देंगे कि यही वह तुम्हारा (खुशी का) दिन है जिसका (दुनिया में) तुमसे वायदा किया जाता था
يَوْمَ نَطْوِي السَّمَاءَ كَطَيِّ السِّجِلِّ لِلْكُتُبِ ۚ كَمَا بَدَأْنَا أَوَّلَ خَلْقٍ نُعِيدُهُ ۚ وَعْدًا عَلَيْنَا ۚ إِنَّا كُنَّا فَاعِلِينَ
(ये) वह दिन (होगा) जब हम आसमान को इस तरह लपेटेगे जिस तरह ख़तों का तूमार लपेटा जाता है जिस तरह हमने (मख़लूक़ात को) पहली बार पैदा किया था (उसी तरह) दोबारा (पैदा) कर छोड़ेगें (ये वह) वायदा (है जिसका करना) हम पर (लाज़िम) है और हम उसे ज़रूर करके रहेंगे
وَلَقَدْ كَتَبْنَا فِي الزَّبُورِ مِنْ بَعْدِ الذِّكْرِ أَنَّ الْأَرْضَ يَرِثُهَا عِبَادِيَ الصَّالِحُونَ
और हमने तो नसीहत (तौरेत) के बाद यक़ीनन जुबूर में लिख ही दिया था कि रूए ज़मीन के वारिस हमारे नेक बन्दे होंगे
إِنَّ فِي هَٰذَا لَبَلَاغًا لِقَوْمٍ عَابِدِينَ
इसमें शक नहीं कि इसमें इबादत करने वालों के लिए (एहकामें खुदा की) तबलीग़ है

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