Quran Apps in many lanuages:

Surah Al-Anaam Ayahs #81 Translated in Hindi

فَلَمَّا رَأَى الْقَمَرَ بَازِغًا قَالَ هَٰذَا رَبِّي ۖ فَلَمَّا أَفَلَ قَالَ لَئِنْ لَمْ يَهْدِنِي رَبِّي لَأَكُونَنَّ مِنَ الْقَوْمِ الضَّالِّينَ
फिर जब चाँद को जगमगाता हुआ देखा तो बोल उठे (क्या) यही मेरा ख़ुदा है फिर जब वह भी ग़ुरुब हो गया तो कहने लगे कि अगर (कहीं) मेरा (असली) परवरदिगार मेरी हिदायत न करता तो मैं ज़रुर गुमराह लोगों में हो जाता
فَلَمَّا رَأَى الشَّمْسَ بَازِغَةً قَالَ هَٰذَا رَبِّي هَٰذَا أَكْبَرُ ۖ فَلَمَّا أَفَلَتْ قَالَ يَا قَوْمِ إِنِّي بَرِيءٌ مِمَّا تُشْرِكُونَ
फिर जब आफताब को दमकता हुआ देखा तो कहने लगे (क्या) यही मेरा ख़ुदा है ये तो सबसे बड़ा (भी) है फिर जब ये भी ग़ुरुब हो गया तो कहने लगे ऐ मेरी क़ौम जिन जिन चीज़ों को तुम लोग (ख़ुदा का) शरीक बनाते हो उनसे मैं बेज़ार हूँ
إِنِّي وَجَّهْتُ وَجْهِيَ لِلَّذِي فَطَرَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ حَنِيفًا ۖ وَمَا أَنَا مِنَ الْمُشْرِكِينَ
(ये हरगिज़ नहीं हो सकते) मैने तो बातिल से कतराकर उसकी तरफ से मुँह कर लिया है जिसने बहुतेरे आसमान और ज़मीन पैदा किए और मैं मुशरेकीन से नहीं हूँ
وَحَاجَّهُ قَوْمُهُ ۚ قَالَ أَتُحَاجُّونِّي فِي اللَّهِ وَقَدْ هَدَانِ ۚ وَلَا أَخَافُ مَا تُشْرِكُونَ بِهِ إِلَّا أَنْ يَشَاءَ رَبِّي شَيْئًا ۗ وَسِعَ رَبِّي كُلَّ شَيْءٍ عِلْمًا ۗ أَفَلَا تَتَذَكَّرُونَ
और उनकी क़ौम के लोग उनसे हुज्जत करने लगे तो इबराहीम ने कहा था क्या तुम मुझसे ख़ुदा के बारे में हुज्जत करते हो हालॉकि वह यक़ीनी मेरी हिदायत कर चुका और तुम मे जिन बुतों को उसका शरीक मानते हो मै उनसे डरता (वरता) नहीं (वह मेरा कुछ नहीं कर सकते) मगर हॉ मेरा ख़ुदा खुद (करना) चाहे तो अलबत्ता कर सकता है मेरा परवरदिगार तो बाएतबार इल्म के सब पर हावी है तो क्या उस पर भी तुम नसीहत नहीं मानते
وَكَيْفَ أَخَافُ مَا أَشْرَكْتُمْ وَلَا تَخَافُونَ أَنَّكُمْ أَشْرَكْتُمْ بِاللَّهِ مَا لَمْ يُنَزِّلْ بِهِ عَلَيْكُمْ سُلْطَانًا ۚ فَأَيُّ الْفَرِيقَيْنِ أَحَقُّ بِالْأَمْنِ ۖ إِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُونَ
और जिन्हें तुम ख़ुदा का शरीक बताते हो मै उन से क्यों डरुँ जब तुम इस बात से नहीं डरते कि तुमने ख़ुदा का शरीक ऐसी चीज़ों को बनाया है जिनकी ख़ुदा ने कोई सनद तुम पर नहीं नाज़िल की फिर अगर तुम जानते हो तो (भला बताओ तो सही कि) हम दोनों फरीक़ (गिरोह) में अमन क़ायम रखने का ज्यादा हक़दार कौन है

Choose other languages: