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Surah Ad-Dukhan Ayahs #43 Translated in Hindi

مَا خَلَقْنَاهُمَا إِلَّا بِالْحَقِّ وَلَٰكِنَّ أَكْثَرَهُمْ لَا يَعْلَمُونَ
इन दोनों को हमने बस ठीक (मसलहत से) पैदा किया मगर उनमें के बहुतेरे लोग नहीं जानते
إِنَّ يَوْمَ الْفَصْلِ مِيقَاتُهُمْ أَجْمَعِينَ
बेशक फ़ैसला (क़यामत) का दिन उन सब (के दोबार ज़िन्दा होने) का मुक़र्रर वक्त है
يَوْمَ لَا يُغْنِي مَوْلًى عَنْ مَوْلًى شَيْئًا وَلَا هُمْ يُنْصَرُونَ
जिस दिन कोई दोस्त किसी दोस्त के कुछ काम न आएगा और न उन की मदद की जाएगी
إِلَّا مَنْ رَحِمَ اللَّهُ ۚ إِنَّهُ هُوَ الْعَزِيزُ الرَّحِيمُ
मगर जिन पर ख़ुदा रहम फरमाए बेशक वह (ख़ुदा) सब पर ग़ालिब बड़ा रहम करने वाला है
إِنَّ شَجَرَتَ الزَّقُّومِ
(आख़ेरत में) थोहड़ का दरख्त

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